Home Top News बिना वारंट के गिरफ्तारी, 6 महीने की जेल; जानें क्या है ESMA जिससे डरते हैं सरकारी कर्मचारी

बिना वारंट के गिरफ्तारी, 6 महीने की जेल; जानें क्या है ESMA जिससे डरते हैं सरकारी कर्मचारी

by Divyansh Sharma
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What is ESMA up government

What is ESMA: सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल रोकने के लिए योगी आदित्यनाथ की सरकार ने ESMA यानी आवश्यक सेवा संरक्षण अधिनियम को लागू कर दिया है.

What is ESMA: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में दिव्य और भव्य महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है. इस आयोजन को देखते हुए सूबे की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने ESMA यानी आवश्यक सेवा संरक्षण अधिनियम को लागू कर दिया है.

इसके तहत प्रदेश के सभी विभागों और निगमों और स्थानीय में होने वाले हड़ताल और प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. हड़ताल और प्रदर्शनों को रोकने के लिए इसे सरकार का अंतिम हथियार माना जाता है.

बिजली कर्मचारियों के आंदोलन से जुड़ा मामला

उत्तर प्रदेश के BJP यानी भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने बताया कि जनवरी में प्रयागराज में राज्य में दिव्य और भव्य महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है. इसके साथ ही राज्य में कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम भी प्रस्तावित हैं. ऐसे में ESMA को लागू किया गया है.

उन्होंने जोर देकर कहा कि महाकुंभ के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं और निवासियों को बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाए गए हैं. हालांकि, योगी सरकार के इस फैसले को बिजली कर्मचारियों के आंदोलन से भी जोड़कर देखा जा रहा है. बता दें कि ESMA यानी एसेंशियल सर्विसेज मैनेजमेंट एक्ट को हिंदी में अत्यावश्यक सेवा अनुरक्षण कानून के नाम से भी जाना जाता है.

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नोटिफिकेशन के बाद नहीं कर सकते हड़ताल

बता दें कि सरकार इस कानून का तब इस्तेमाल करती है, जब सरकारी कर्मचारी हड़ताल पर जाते हैं और इन हड़ताल को रोकने के लिए सारे रास्ते बंद हो जाते हैं. इस तरह की हड़ताल और प्रदर्शनों को रोकने के लिए ESMA के तहत सरकार कई कड़े कदम उठा सकती है. सरकार इस कानून को अधिक से अधिक छह महीने के लिए लागू कर सकती ही.

हालांकि, जब इस कानून को लागू किया जाता है, तब सरकार की ओर से अपने कर्मचारियों को एक नोटिफिकेशन देना जरूरी होता है. नोटिफिकेशन के बाद कर्मचारी हड़ताल नहीं कर सकते हैं. अगर फिर भी वह ऐसा करते हैं, तो उन्हें किसी वारंट के गिरफ्तार भी किया जा सकता है. साथ ही इलके तहत 6 महीने की जेल की सजा का प्रावधान भी है.

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