Uniform Civil Code: उत्तराखंड में सोमवार से UCC लागू कर दिया जाएगा और ऐसा करने वाला यह देश का पहला राज्य है. कानून लागू होने के बाद राज्य में कई सारे नियम बदल जाएंगे.
Uniform Civil Code: उत्तराखंड में ढाई साल की तैयारी के बाद आज (सोमवार) से समान नागरिक संहिता (UCC) लागू हो जाएगा. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) मुख्य सेवक सदन में UCC के पोर्टल और नियमावली का लोकापर्ण करेंगे. उत्तराखंड में यूसीसी लागू करने वाला यह देश का पहला राज्य बन जाएगा. इस कानून को लागू होने के बाद ही राज्य में आज से कई नियमों में बदलाव आने शुरू हो जाएंगे. बता दें कि UCC लागू करने से पहले राज्य सरकार ने लोगों को जागरूक किया. इसके अलावा कानून बनाने से पहले करीब 2 लाख विशेषज्ञ, आम लोग और विभिन्न क्षेत्रों के जानकारों से विचार विमर्श करने के बाद समान नागरिक संहिता तैयार की गई थी.
यूसीसी से संबंधित बड़ी बातें
- सभी धर्मों के लिए विवाह-तलाक, गुजारा भत्ता और विरासत के लिए शादी का पंजीकरण करना अनिवार्य होगा.
- विवाह होने के बाद 6 महीने के भीतर रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा. ये साल 2010 से पहले की शादियों के लिए अनिवार्य नहीं है. अगर कोई व्यक्ति रजिस्ट्रेशन नहीं कराता है तो उस पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा. साथ ही सरकारी सुविधाओं का लाभ भी नहीं मिलेगा.
- महिलाओं को भी पुरुषों के समान तलाक लेने का अधिकार होगा. बेटा-बेटी को समान अधिकार मिलेगा और जायज-नाजायज में किसी भी प्रकार का कोई भेद भाव नहीं किया जाएगा.
- किसी भी धर्म-जाति और संप्रदाय के लोगों को तलाक लेने का एक समान संवैधानिक अधिकार होगा. फिलहाल देश में हर धर्म में अलग-अलग तरीके से निपटारा किया जाता रहा है, लेकिन अब उत्तराखंड अपवाद हो जाएगा.
- बहुविवाह पर प्रतिबंध लगेगा और किसी भी धर्म-जाति की लड़की को शादी करने का अधिकार कानून में दी गई उम्र के हिसाब से होगा.
- राज्य में यूसीसी लागू होने के बाद हलाला जैसी परंपरा खत्म हो जाएगी.
- लिव इन रिलेशनशिप के लिए कपल को पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा. अगर कोई कपल में से एक भी 18 से 21 साल का होगा तो उसे माता-पिता का सहमति पत्र देना होगा.
- इसके अलावा यूसीसी से अनुसूचित जनजाति को पूरी तरह से बाहर किया गया है. ट्रांसजेंडर और धार्मिक परंपराओं के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है.
कब हुई यूसीसी की शुरुआत
साल 2022 में विधानसभा चुनाव के दौरान पुष्कर सिंह धामी ने BJP की तरफ से कैंपेन के दौरान वादा किया था कि वह सत्ता में आने के बाद UCC पर एक ड्राफ्ट तैयार करने के बाद कानून बनाने का काम करेंगे. वहीं, मई 2022 में सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई के नेतृत्व में एक विशेषज्ञ कमेटी का गठन किया गया. इसके बाद समिति ने राज्य में भर में करीब 2 लाख लोगों से इसके बारे में चर्चा की और सुझाव मांगे. 2 फरवरी, 2024 को कमेटी ने धामी सरकार को यूसीसी का ड्राफ्ट सौंप दिया. राज्य सरकार ने 8 मार्च, 2024 को विधानसभा में UCC विधेयक पारित करा दिया और 12 मार्च, 2024 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद 27 जनवरी, 2025 को राज्य में इसे लागू किया जा रहा है.
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