Tahir Hussain: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को सशर्त जमानत दे दी गई. ताहिर हुसैन AIMIM के टिकट पर दिल्ली विधानसभा का चुनाव लड़ रहा है.
Tahir Hussain: देश की राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए सिर्फ एक हफ्ते का समय बचा है. इस बीच दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को सशर्त जमानत दे दी गई है. सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि AIMIM यानि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के टिकट पर दिल्ली में विधानसभा का चुनाव लड़ रहे ताहिर हुसैन को पुलिस कस्टडी में ही चुनाव प्रचार करना होगा.
हर दिन जमा करना होगा 2.47 लाख रुपये
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस विक्रम नाथ, संजय करोल और संदीप मेहता की तीन जजों की बेंच ने मंगलवार को यह फैसला सुनाया. बेंच ने 29 जनवरी से 3 फरवरी तक पुलिस हिरासत में प्रचार करने वाली ताहिर हुसैन की याचिका स्वीकार कर लिया. हालांकि, बेंच ने जमानत के लिए कई शर्तें रखी हैं. शर्तों के मुताबिक ताहिर हुसैन सिर्फ दिन के समय ही प्रचार कर सकता है. उसे रात के समय जेल में लौटना होगा.
इसके साथ ही उसके साथ पुलिस भी तैनात रहेगी. प्रचार के दौरान सुरक्षा पर हो रहे खर्चों को भी वही वहन करेगा. पीठ ने कहा कि ताहिर हुसैन की हिरासत पैरोल सुरक्षा खर्च के हिस्से के रूप में प्रति दिन 2.47 लाख रुपये जमा करना होगा. सुनवाई के दौरान ताहिर हुसैन की ओर से पेश वकील ने तर्क दिया था कि चुनाव प्रचार के लिए केवल चार-पांच दिन बचे हैं और ताहिर हुसैन मुस्तफाबाद सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे में वह घर भी नहीं जाएंगे. बाहर दिन में ही प्रचार करेंगे.
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जमानत याचिका को किया गया था खारिज
वहीं, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल SV राजू ने याचिका का कड़ा विरोध किया. उन्होंने कहा कि दंगों में ताहिर हुसैन की भूमिका गंभीर थी. अगर ऐसे राहत दी जाती है, तो हर कोई जेल में चुनाव लड़ने के लिए नामांकन पत्र भरेगा. बता दें कि साल 2020 में दिल्ली में दंगे हुए थे. इन दंगों में ताहिर हुसैन की भूमिका संदिग्ध थी. वह पिछले 4 साल 9 महीने से जेल में ही बंद है. 22 जनवरी को ताहिर हुसैन की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई थी. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट की 2 जजों की बेंच में सहमति नहीं बन पाई थी.
जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह ताहिर हुसैन को जमानत देने के पक्ष में थे. वहीं, जस्टिस पंकज मित्तल ने याचिका को खारिज कर दिया था. जस्टिस पंकज मित्तल ने इस दौरान कहा था कि अगर चुनाव लड़ने के लिए अंतरिम जमानत दिया जाने लगा, तो इससे पिटारा खुल जाएगा. देश में हर साल चुनाव होते ही रहते हैं. ऐसे में किसी भी को भी जमानत मांगने का मौका मिल जाएगा. वहीं, जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह ने कहा था कि आरोपी ताहिर हुसैन मार्च, 2020 से जेल में बंद है. उसे प्रचार के लिए जमानत देनी चाहिए.
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