Sonam Wangchuk Detained: लद्दाख (Ladakh) को छठी अनुसूची का दर्जा देने की मांग को लेकर दिल्ली (Delhi Chalo Anndolan) तक मार्च करने वाले सोनम वांगचुक को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया है.
Sonam Wangchuk Detained: सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को लेकर बड़ी जानकारी सामने आ रही है. लद्दाख (Ladakh) को छठी अनुसूची का दर्जा देने की मांग को लेकर दिल्ली (Delhi Chalo Anndolan) तक मार्च करने वाले सोनम वांगचुक को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया है. उनके साथ आए 120 समर्थकों को भी सिंघु बॉर्डर पर पुलिस ने हिरासत में लिया है.
सभी को हिरासत में लेने के बाद सिंघु बॉर्डर से लगे दूसरे पुलिस थानों में ले जाया गया है. इस पर कई लोगों की प्रतिक्रिया भी सामने आ रही है. बता दें कि लेह के NDS मेमोरियल पार्क से लद्दाख के लोग अपनी मांगों को लेकर दिल्ली (Delhi Chalo Padayatra) पहुंचे थे.
5 अक्टूबर तक दिल्ली में लागू हुई धारा 163
बता दें कि दिल्ली में दिल्ली पुलिस ने 5 अक्टूबर तक देश की राजधानी के मध्य और बाहरी इलाकों में सभा और विरोध प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगा दिया है. ऐसे में दिल्ली पुलिस ने सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk) को वापस जाने के लिए कहा था, लेकिन जब वह नहीं रुके तो सीमा पर पहले से तैनात पुलिसकर्मियों ने सोनम वांगचुक समेत उनके करीब 120 समर्थकों को हिरासत में ले लिया. यह घटना सोमवार की है.
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक सोनम वांगचुक और उनके समर्थक सिंघु बॉर्डर पर ही रात बिताना चाहते थे. गौरतलब है कि लद्दाख को छठी अनुसूची का दर्जा देने को लेकर कई दिनों से विरोध प्रदर्शन जारी है. इस मामले को लेकर सोनम वांगचुक लद्दाख में ही कई दिनों तक धरने पर बैठे थे. वहीं, दूसरी ओर दिल्ली में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 (जो पहले सीआरपीसी की धारा 144 थी) लागू किया गया है. पुलिस ने कई संगठनों की ओर से विरोध प्रदर्शन के आह्वान सहित कानून और व्यवस्था के मुद्दों का हवाला देते हुए यह कदम उठाया है.
अखिलेश यादव-राहुल गांधी ने साधा निशाना
वहीं, विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को सोनम वांगचुक को हिरासत में लेने का विरोध किया. अपने X पोस्ट में उन्होंने लिखा कि पर्यावरण और संवैधानिक अधिकारों के लिए शांतिपूर्वक मार्च कर रहे सोनम वांगचुक और लद्दाख के लोगों को हिरासत में लिया जाना अस्वीकार्य है. उन्होंने आगे कहा कि किसानों की तरह केंद्र का यह चक्रव्यूह भी टूटेगा और अहंकार भी टूटेगा.
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सत्ता के मद में चूर केंद्र सरकार ने शांतिपूर्वक दिल्ली की ओर मार्च कर रहे लद्दाख के नागरिकों के एक समूह को हिरासत में ले लिया है. यह कायरतापूर्ण कार्रवाई है और इसकी प्रकृति बहुत ही अलोकतांत्रिक है. इस मामले को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी बड़ा हमला बोला. उन्होंने X पर लिखा कि जो लोग शांति से डरते हैं, वह अंदर से डरे हुए लोग होते हैं. केंद्र अगर सरहद की आवाज नहीं सुनेगा तो यह उसकी राजनीतिक श्रवणहीनता कहलाएगी.