मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के आदेश पर बिजली विभाग के 1200 कर्मियों की सेवाएं समाप्त कर दी गईं. इस कार्रवाई से विभाग में हड़कंप मच गया है. कार्रवाई की जद में 55 साल की उम्र पूरी कर चुके कर्मचारी आए हैं.
LUCKNOW: मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के आदेश पर बिजली विभाग के 1200 कर्मियों की सेवाएं समाप्त कर दी गईं. इस कार्रवाई से विभाग में हड़कंप मच गया है. कार्रवाई की जद में 55 साल की उम्र पूरी कर चुके कर्मचारी आए हैं.जारी आदेश में कहा गया है कि 55 साल की उम्र पूरी कर चुके कुशल एवं अकुशल संविदा कर्मियों से बिजली लाइन का काम न लिया जाए.
इस आदेश पर रविवार को ही अमल हो गया और अनुमानित 1200 संविदा कर्मियों की सेवा कर दी गई.संविदा यूनियन के मुताबिक इनमें 1000 कर्मचारी मध्यांचल वितरण निगम के लखीमपुर, बाराबंकी, अंबेडकरनगर, बहराइच, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, सुल्तानपुर, अमेठी, रायबरेली, उन्नाव, हरदोई, सीतापुर,शाहजहांपुर,बरेली, बदायूं, पीलीभीत जिलों में एवं 200 लखनऊ में कार्यरत थे.
नौकरी गई, परिवार के भरण-पोषण का संकट
55 साल की उम्र पूरी करने वाले जो संविदा कर्मचारी सेवा से बाहर किए गए हैं.उनमें से 50 फीसदी तो ईपीएफ खाते से पेंशन भी नहीं पाएंगे.उनके सामने परिवार के भरण-पोषण का संकट पैदा हो गया है.वर्ष 2000 से बिजली विभाग में संविदा कर्मियों को नियुक्त करने का सिलसिला शुरु हुआ. 18 साल तक नौकरी करने वालों के वेतन से कोई भी EPF नहीं काटा गया. वर्ष 2019 से EPF जमा होने का सिलसिला शुरु हुआ. जिन कर्मियों का 48 साल की उम्र पर EPF कटना शुरु हुआ वो पेंशन नहीं पाएंगे. दरअसल उनका 10 साल EPF जमा नहीं हो सका. इससे उनके सामने परिवार के भरण-पोषण का संकट पैदा हो गया है.
नियमित 55 साल के कर्मी बिना काम के ले रहे वेतन
लखनऊ के बिजलीघरों पर 55 साल से ज्यादा उम्र के ऐसे 150 विभागीय नियमित कर्मचारी हैं, जो अपने पद के अनुरूप काम किए बिना ही वेतन ले रहे हैं. इनमें पेट्रोलमैन,लाइनमैन आदि कर्मचारी हैं. यह लाइनमैन सीढ़ी पर चढ़ नहीं पाते तो संविदा कर्मी ही उपभोक्ताओं की शिकायतों का निराकरण करते हैं. अफसरों के संरक्षण में ऐसे पेट्रोलमैन एवं लाइनमैन दूसरे कार्य कनेक्शन की जांच आदि करके नौकरी चला रहे हैं.जबकि संविदा कर्मी 10 से 11 हजार रुपये में अपनी जान खतरे में डालते हुए काम करते हैं.
संविदाकर्मियों को दी जाए दूसरी जिम्मेदारी
उत्तर प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन निविदा/संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश महासचिव देवेंद्र कुमार पांडेय ने कहा कि इन संविदाकर्मियों को नौकरी से निकालने की बजाए दूसरा काम लिया जाए, जिससे उनके सामने आजीविका का संकट न पैदा हो.कहा है कि जो संविदा कर्मी 55 साल के हो चुके हैं, उनसे लाइन का काम लेने की बजाए दूसरी जिम्मेदारी सौंप दी जाए. यह कर्मी प्रतिमाह बिल वसूलने का काम कर सकते हैं. 25-25 साल संविदा नौकरी करने के बाद वो भी सेवा से बाहर हो गए जिनका महज पांच से छह साल का ही EPF कटा है.
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