RIP Sitaram Yechury: सीताराम येचुरी SFI के पहले ऐसे अध्यक्ष थे, जो केरल या बंगाल से नहीं ताल्लुक नहीं रखते थे.
RIP Sitaram Yechury: भारतीय राजनीति से बेहद दुखद खबर सामने आई है. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी ने गुरुवार को आंखिरी सांस ली. लंबी बीमारी के कारण उनका दिल्ली स्थित AIIMS में उनका निधन हो गया. तेज बुखार आने के बाद उन्हें 19 अगस्त को AIIMS में भर्ती कराया गया था. उनकी सांस की नली में गंभीर संक्रमण हुआ था. उन्होंने साल 1975 में CPI-M ( भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी) जॉइन की थी. इससे पहले उन्होंने साल 1974 में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) से भी शामिल हुए.
3 बार चुने गए JNU छात्र संघ के अध्यक्ष
CPI-M के 3 बार महासचिव रह चुके सीताराम येचुरी (Sitaram Yechury) का जन्म चेन्नई में 12 अगस्त 1952 को हुआ था. उन्होंने सेंट दिल्ली स्थित स्टीफन कॉलेज अर्थशास्त्र में ग्रेजुएशन किया और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से मास्टर्स की डिग्री ली थी. वह साल 1974 में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) में शामिल हुए. इसके एक साल बाद ही वह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी- मार्क्सवादी में शामिल हो गए. भारत में इमरजेंसी लगने के बाद उन्हें एक साल 1977-78 के दौरान तीन बार JNU के छात्र संघ का अध्यक्ष भी चुना गया था. बता दें कि वह SFI के पहले ऐसे अध्यक्ष थे, जो केरल या बंगाल से नहीं ताल्लुक नहीं रखते थे.
तीन बार संभाला महासचिव का पद
साल 1984 में सीताराम येचुरी Communist Party of India (Marxist) की केंद्रीय समिति के अध्यक्ष चुने गए. वहीं, उन्होंने 1986 में SFI को अलविदा कह दिया. इसके बाद वह साल 1992 में चौदहवीं कांग्रेस में पोलित ब्यूरो के लिए भी नामित किए गए. वह राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके हैं. साल 2005 में पश्चिम बंगाल से उन्हें राज्यसभा भेजा गया था. उन्हें 19 अप्रैल 2015 को CPI-M का पांचवां महासचिव चुना गया था. अप्रैल 2018 में उन्हें एक बार फिर से पार्टी का महासचिव चुना गया. साल 2022 में सीताराम येचुरी ने तीसरी बार महासचिव का पद संभाला. बता दें कि उन्हें वामपंथी राजनीति का प्रमुख चेहरा चेहरा माना जाता है.
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हैदराबाद में पले-बढ़े थे Sitaram Yechury
सीताराम येचुरी हैदराबाद में पले-बढ़े थे. दसवीं कक्षा तक ऑल सेंट्स हाई स्कूल में पढ़ाई भी की. तेलंगाना आंदोलन के दौरान वह पहली बार दिल्ली पहुंचे. उन्होंने दिल्ली में प्रेसिडेंट्स एस्टेट स्कूल में दाखिला लिया. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) हायर सेकेंडरी परीक्षा में ऑल इंडिया पहली रैंक हासिल की. दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से उन्होंने इकोनॉमिक्स में मास्टर्स की डिग्री ली. डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी (Ph.D) के लिए उन्होंने फिर से JNU में दाखिला लिया, लेकिन साल 1975 में गिरफ्तारी के कारण Ph.D पूरा नहीं कर सके.
COVID-19 में उनके बेटे की हुई थी मौत
बता दें कि COVID-19 में उनका बहुत बड़ा नुकसान हो गया था. सीताराम येचुरी के बेटे आशीष की मौत COVID-19 के कारण 22 अप्रैल, 2021 को हो गई थी. उनका बेटा सिर्फ 34 साल का था. इस घटना से उन्हें गहरा झटका लगा था. बता दें कि सीताराम येचुरी की पत्नी का नाम सीमा चिश्ती है. सीमा चिश्ती पेशे से पत्रकार हैं. सीताराम येचुरी ने एक बार बहुत बड़ा खुलासा किया था. एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि उनकी पत्नी सीमा ही आर्थिक रूप से परिवार का भरण-पोषण करती हैं. बता दें कि सीताराम येचुरी की पहली शादी वीना मजूमदार की बेटी इंद्राणी मजूमदार से हुई थी. पहली शादी से उनको एक बेटी और एक बेटा है.
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