Home International डिफॉल्टर होने की कगार पर खड़े Maldives की अक्ल आई ठिकाने, अब करने लगा भारत की तारीफ

डिफॉल्टर होने की कगार पर खड़े Maldives की अक्ल आई ठिकाने, अब करने लगा भारत की तारीफ

by Divyansh Sharma
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डिफॉल्टर होने की कगार पर खड़े Maldives की अक्ल आई ठीकाने, अब करने लगा भारत की तारीफ- Live Times

India Maldives Tension: मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर (Moosa Zameer) ने श्रीलंका की यात्रा के दौरान उन्होंने चीन और भारत के साथ हिंद महासागर द्वीपसमूह के रिश्तों के महत्व पर जोर दिया.

India Maldives Tension: मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर (Moosa Zameer) ने भारत और अपने देश की आर्थिक स्थिति को लेकर बहुत बड़ा बयान दिया है. उन्होंने स्वीकार किया है कि मोहम्मद मुइजू (Mohamed Muizzu) के राष्ट्रपति बनते शुरुआती दिनों में मालदीव-भारत संबंधों में कड़वाहट देखी गई थी.

उन्होंने आगे कहा कि अब दोनों देशों ने गलतफहमियों को सुलझा लिया है. मूसा जमीर ने कहा कि मालदीव के तीन उप-मंत्रियों की ओर से सोशल मीडिया पर भारत और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बारे में विवादास्पद टिप्पणी करने के बाद मामला और भी बिगड़ गया.

‘चीन और भारत दोनों के साथ अच्छे संबंध’

मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर ने श्रीलंका की यात्रा के दौरान उन्होंने चीन और भारत के साथ हिंद महासागर द्वीपसमूह के रिश्तों के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि मालदीव से भारतीय सैनिकों की एक छोटी टुकड़ी को हटाने को लेकर ‘इंडिया आउट’ का नारा देने वाले मोहम्मद मुइजू के राष्ट्रपति बनते ही भारत के साथ चुनौतियों का सामना करना पड़ा.

हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि मालदीव से भारतीय सैनिकों की वापसी के बाद दोनों देशों के बीच गलतफहमियों को सुलझा लिया गया है. हमारी सरकार बनने के बाद शुरू में हमारे बीच कुछ कड़वाहटें थीं. अब हमारे चीन और भारत दोनों के साथ अच्छे संबंध हैं और दोनों देश मालदीव का समर्थन करना जारी रखते हैं. मालदीव के विदेश मंत्री की टिप्पणी मालदीव की वित्तीय स्थिति के बारे में क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों की चेतावनियों के बाद आई है.

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‘IMF से बेलआउट लेने की कोई योजना नहीं’

मालदीव के विदेश मंत्री ने आगे कहा कि मालदीव की अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से बेलआउट लेने की कोई योजना नहीं है. उन्होंने अपने देश के सामने मौजूद मौजूदा आर्थिक चुनौतियों को अस्थायी बताया. उन्होंने कहा कि हमारे पास द्विपक्षीय साझेदार हैं जो हमारी जरूरतों और हमारी स्थिति के प्रति बहुत संवेदनशील हैं.

उन्होंने IMF से बाहरी सहायता लिए बिना अपने राजकोषीय मुद्दों को हल करने का संकेत दिया. बता दें कि मालदीव पर सीमित विदेशी मुद्रा भंडार पर अतिरिक्त दबाव बढ़ गया है. मालदीव का अधिकांश बाहरी ऋण चीन और भारत का है. इस साल की देनदारी 409 मिलियन अमेरिकी डॉलर है. मालदीव का वर्तमान विदेशी मुद्रा भंडार 444 मिलियन अमेरिकी डॉलर है. इसमें उपयोग करने लायक भंडार 61 मिलियन अमेरिकी डॉलर है.

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