Home Top News MahaKumbh की सुरक्षा अभेद्य! पानी के भीतर भी होगी निगरानी; जानें इस बार क्या होने वाला है खास

MahaKumbh की सुरक्षा अभेद्य! पानी के भीतर भी होगी निगरानी; जानें इस बार क्या होने वाला है खास

by Divyansh Sharma
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MahaKumbh Mela 2025: संस्कृति मंत्रालय ने बताया कि महाकुंभ के दौरान पहली बार 100 मीटर तक गोता लगाने में सक्षम पानी के अंदर ड्रोन की तैनाती की जाएगी.

MahaKumbh Mela 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेले को लेकर तैयारियां तेज हैं. इसी बीच श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुरक्षा के लिए योगी आदित्यनाथ की सरकार की ओर से कई तरह के पहल किए जा रहे हैं. इसी क्रम में महाकुंभ मेले के दौरान संगम के पानी अंदर ड्रोन की तैनाती की जाएगी. साथ ही कई भाषाओं में साइनेज यानी पहचानसूचक लगाए जाएंगे.

100 मीटर तक गोता लगाने में सक्षम हैं ड्रोन

उत्तर प्रदेश के संस्कृति मंत्रालय ने रविवार महाकुंभ के लिए चल रही तैयारियों और नागरिक सुविधाओं तथा सुरक्षा व्यवस्थाओं के बारे में विस्तृत जानकारी शेयर की. मंत्रालय ने बताया कि महाकुंभ के दौरान पहली बार 100 मीटर तक गोता लगाने में सक्षम पानी के अंदर ड्रोन की तैनाती की जाएगी. इन ड्रोन के जरिए पूरे संगम क्षेत्र में चौबीसों घंटे निगरानी की जा सकेगी.

बयान में यह भी कहा गया कि उत्तर प्रदेश सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए बड़े स्तर पर तैयारी कर रही है कि प्रयागराज में महाकुंभ भव्य, सुरक्षित और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध आयोजन हो. पहले ही AI यानी आर्टिफिशियल क्षमता से लैस 2,700 कैमरे भी लगाए गए हैं.

इसके अलावा 56 साइबर योद्धाओं की एक टीम ऑनलाइन खतरों की निगरानी करेगी और प्रयागराज के सभी पुलिस स्टेशनों में साइबर हेल्प डेस्क भी स्थापित किए जा रहे हैं. वहीं, लोगों की सुविधा के लिए 92 सड़कों का नवीनीकरण, 30 पांटून पुलों का निर्माण और 800 बहुभाषी साइनेज लगाए जा रहे हैं. रेत से बचने के लिए के लिए 2,69,000 से अधिक चेकर्ड प्लेटें बिछाई गई हैं.

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40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद

सरकार ने 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलने वाले इस 45 दिवसीय उत्सव में दुनिया भर से 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद जताई है. इसके अलावा महाकुंभ नगर को टेंट और आश्रयों के साथ एक अस्थायी शहर में तब्दील किया जा रहा है. इसमें महाकुंभ ग्राम से लेकर लक्जरी टेंट सिटी जैसे सुपर डीलक्स होटल भी शामिल हैं.

10-20 टन की क्षमता वाला एक लिफ्टिंग बैग भी लगाए गए हैं. आग से निपटने के लिए चार AWT यानी आर्टिकुलेटिंग वाटर टावर भी स्थापित किए जा रहे हैं. बयान के मुताबिक अर्धसैनिक बलों सहित 50 हजार से अधिक जवानों की तैनाती भी अंतिम चरण में है. इसके अलावा एक साथ 200 लोगों का इलाज करने में सक्षम भीष्म क्यूब भी लगाए जा रहे हैं.

इस दौरान नेत्र कुंभ में पांच लाख से अधिक तीर्थयात्रियों की आंखों की जांच कर तीन लाख से अधिक चश्मे वितरित किए जाएंगे. यह गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल होगा. साथ ही स्थानीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, जिसमें डायरी, कैलेंडर, जूट बैग और स्टेशनरी जैसे महाकुंभ-थीम वाले प्रोडक्ट में बढ़ोतरी देखी जा रही है.

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