MahaKumbh Mela 2025: मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कह दिया है कि महाकुंभ का जिस जमीन पर आयोजन किया जा रहा है, वह जमीन ही वक्फ बोर्ड की है.
MahaKumbh Mela 2025: महाकुंभ को लेकर मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने जंग छेड़ दी है. दो दिन पहले उन्होंने महाकुंभ में कई सौ मुसलमानों के धर्मांतरण का मुद्दा उठाया था. अब उन्होंने कह दिया है कि महाकुंभ का जिस जमीन पर आयोजन किया जा रहा है, वह जमीन ही वक्फ बोर्ड की है.
54-55 बीघा जमीन पर दावा
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात मौलाना के राष्ट्रीय अध्यक्ष शहाबुद्दीन रजवी की ओर से जारी वीडियो संदेश में इस बात का दावा किया गया है. उन्होंने कहा कि महाकुंभ की जिस जमीन पर तैयारियां की जा रही है, उसमें से करीब 54 विघा वक्फ बोर्ड की है. उन्होंने दावा किया कि मुसलमानों ने बड़ा दिल दिखाते हुए वक्फ की जमीन पर होने वाले आयोजन की कोई आपत्ति नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि इसके बाद भी दूसरी तरफ अखाड़ा परिषद और दूसरे साधु-संत लोग महाकुंभ में मुसलमानों के प्रवेश पर पाबंदी लगा रहे है.
Kumbh Mela की जहां तैयारियां की जा रही है वो जमीन 54 विघह वक्फ की है, मुसलमानो ने बडा दिल दिखाते हुए कोई आपत्ती नही की मगर दूसरी तरफ अखाड़ा परिषद और दूसरे बाबा लोग मुसलमानो के प्रवेश पर पाबंदी लगा रहे है। ये तंग नजरी छोड़नी होगी, मुसलमानो की तरह बड़ा दिल दिखाना होगा। #KumbhMela pic.twitter.com/5zxzKKhdXu
— Maulana Shahabuddin Razvi Bareilvi (@Shahabuddinbrly) January 5, 2025
उन्होंने प्रयागराज के रहने वाले सरताज नाम के शख्स का जिक्र करते हुए कहा कि 54-55 बीघा जमीन, जहां पर महाकुंभ के मेले का आयोजन किया जा रहा है, वह वक्फ बोर्ड की है. बरेलवी संप्रदाय से जुड़े मौलवी शहाबुद्दीन रजवी ने जोर देकर कहा कि यह तंग-नजरी छोड़नी होगी और अखाड़ा परिषद और दूसरे साधु-संतों को मुसलमानो की तरह बड़ा दिल दिखाना होगा.
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धर्मांतरण की जताई थी आशंका
बता दें कि 3 जनवरी को शहाबुद्दीन रजवी की ओर के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा गया था. पत्र में उन्होंने अंदेशा जताया था कि प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ में कई सौ मुसलमानों का धर्मांतरण कराया जाएगा. धर्मांतरण के खिलाफ कानून को लेकर उन्होंने कहा कि इस धर्मांतरण से पूरे देश और प्रदेश में तनाव बढ़ने की उम्मीद संभावना है. ऐसे में इसे रोका जाए. साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि महाकुंभ मेला एक धार्मिक कार्यक्रम है और अच्छे और अमन शांति के साथ सम्पन्न हो.
उन्होंने कहा था कि महाकुंभ से जो पैगाम जाए, वह समाज को जोड़ने वाला हो, न की समाज को तोड़ने वाला. अब हाल में दावे वाले शहाबुद्दीन रजवी की ओर से जारी वीडियो संदेश को लेकर प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है. गौरतलब है कि पिछले साल 4 नवंबर को प्रयागराज में भारतीय अखाड़ा काउंसिल की बैठक में बड़ा फैसला लिया गया था. इस बैठक में तय किया गया था कि इस बार के महाकुंभ में सिर्फ सनातनियों की ही प्रवेश दिया जाए.
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