Mahakumbh 2025: संगम के किनारे महाकुंभ में निरंजनी अखाड़ा के मुख्य द्वार पर प्रभु श्रीराम के जीवन के तमाम प्रसंगों को चित्रों के जरिए श्रद्धालु अपने दिलों में बसा सकते हैं.
Mahakumbh 2025: कुछ दिनों में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में संगम के किनारे आस्था का सबसे बड़ा महाकुंभ शुरू होने वाला है. इस महाकुंभ में कई तरह के नए प्रयोग पहली बार देखने को मिलेंगे. इसी क्रम में प्रभु श्रीराम के जीवन के प्रसंगों को खास तरीके से दिखाया जाएगा. दरअसल, 20 लाख चित्रों के जरिए रामचरित मानस को श्रद्धालु निहार सकते हैं.
जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने की तारीफ
संगम तट पर हर ओर हरि भजन हो रहा है और गोस्वामी तुलसीदास के मानस की बयार भी बह रही है. इन सब के बीच निरंजनी अखाड़ा के मुख्य द्वार पर प्रभु श्रीराम के जीवन के तमाम प्रसंगों को चित्रों के जरिए श्रद्धालु अपने दिलों में बसा सकते हैं. यह कृति तैयार की गई है जयपुर के निवासी नवीन शर्मा की ओर से. नवीन शर्मा ने बताया कि छोटी चित्रकारी को उन्होंने हैंड मेड पेपर पर रामचरित मानस को चित्रों में उतारने का प्रयास किया है.
दिव्य, भव्य और डिजिटल
— Mahakumbh (@MahaKumbh_2025) January 7, 2025
महाकुम्भ 2025
अध्यात्म एवं आधुनिकता का महासमागम 'महाकुम्भ 2025'
सनातन गर्व
महाकुम्भ पर्व
🗓️ 13 जनवरी – 26 फरवरी, 2025
📍 प्रयागराज, उत्तर प्रदेश#MahaKumbh2025 #MahaKumbhCalling #एकता_का_महाकुम्भ #सनातन_गर्व_महाकुम्भ_पर्व pic.twitter.com/jBMWMODqXq
उन्होंने इसे 6 सालों में बनाकर तैयार किया है. इसकी शुरुआत साल 2017 में की गई थी. महाकुंभ में पहुंचे जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य और स्वामी श्री रामचंद्राचार्य (स्वामी रामभद्राचार्य के उत्तराधिकारी) जैसे बड़े संतों ने भी इस प्रयास को सराहा है. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी की ओर से महाकुंभ में इस कृति का लोकार्पण किया गया. उन्होंने इस कृति को मानव का उद्धार करने वाला बताया.
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51 हजार बार ब्रश के एक बाल से लिखा राम
बता दें कि इस मानस पेटिंग में गोस्वामी तुलसी की तरह ही सबसे ऊपर भगवान गणेश जी और रिद्धि-सिद्धि को अंकित किया गया है. इसके ठीक नीचे राम मंदिर के सामने विशाल भक्तगण समूह और गोलाकार आकृति में रामलला के प्राचीन विग्रह चित्रित किया गया है. पेटिंग में सवा दो इंच के बार्डर में भक्तगणों के साथ दशावतार सहित 24 तीर्थंकरों को भी समाहित किया गया है. कामधेनु और मां दुर्गा के नौ रूप भी इस मानस कृति को सुशोभित करते हैं.
211 प्रसिद्ध मंदिरों की तस्वीरें भी अपने आप में खास हैं. बार्डर पर लगभग 51 हजार बार पेंट ब्रश के एक बाल से राम के नाम का उल्लेख किया गया है. सीता स्वयंवर, राम दरबार और 31 प्रसिद्ध हनुमान मंदिरों की प्रतिमाओं को भी इसमें उकेरा गया है. साथ ही कृति के चारों कोनों में चारों युगों के विशाल मंदिरों का भी चित्रण इसे सबसे खास बनाता है. नवीन शर्मा को इस मानस पेटिंग को बनाने में कुल 7600 घंटे से अधिक समय लगा है.
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