Jammu & Kashmir Budget : मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने बजट पेश करते हुए एक फारसी दोहे से शुरुआत करते हुए कहा कि मैं जम्मू-कश्मीर के वित्त मंत्री के तौर पर पहली बार बजट पेश करते हुए खुश हूं.
Jammu & Kashmir Budget : भारतीय संविधान में आर्टिकल 370 से विशेष प्रावधान खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने शुक्रवार को 6 वर्ष बाद जम्मू-कश्मीर का पहला बजट पेश किया. इस दौरान सीएम अब्दुल्ला ने कहा कि यह बजट आर्थिक विकास का रोडमैप और लोगों की आकांक्षाओं का सच्चा प्रतिबिंब है. इसके अलावा वित्त मंत्रालाय का कार्यभार संभाल रहे उमर अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन की जमकर प्रशंसा की.
पिछली बार 2018 में पेश हुआ था बजट
मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने बजट पेश करते हुए एक फारसी दोहे से शुरुआत करते हुए कहा कि मैं जम्मू-कश्मीर के वित्त मंत्री के तौर पर पहली बार बजट पेश करते हुए खुश हूं. पिछला बजट सत्र 2018 में तत्कालीन PDP-BJP की सरकार में पेश किया गया था. लेकिन 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद दो राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेश में विभाजित कर दिया गया था. साथ ही अब्दुल्ला ने सदन में बताया कि हमारी चुनौतियां काफी बड़ी हैं और हमारी सीमाएं भी बहुत हैं, लेकिन हमें इन चुनौतियों का डटकर सामना करने का सामूहिक संकल्प लेना चाहिए.
मैंने कभी सपने में नहीं सोचा था : अबदुल्ला
उन्होंने कहा कि बजट हमारे लोगों के सपनों, हमारी भावी पीढ़ी और जम्मू-कश्मीर के प्रत्येक व्यक्ति की आकांक्षाओं पर आधारित है. इसके अलावा उमर अब्दुल्ला ने एक बार फिर जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की बात कही और कहा कि हमारी सरकार इस संकल्प को पूरा करने के लिए हर स्तर पर कोशिश कर रही है. वहीं, बजट पेश करने से पहले जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री ने एक्स पर लिखा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन वह केंद्रशासित राज्य का बजट पेश करेंगे. करीब 6 साल बाद मैं बजट पेश करने के लिए विधानसभाओं और संसद में प्रवेश करते समय वित्त मंत्रियों द्वारा ब्रीफकेस उठाने की रस्म की नकल कर रहा था. मैंने कभी इसके बारे में नहीं सोचा था कि मैं कभी ऐसा वास्तव में करूंगा.
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