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Haryana में समय से पहले विधानसभा भंग, संवैधानिक संकट से बचने के लिए सरकार ने लिया फैसला

by Divyansh Sharma
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Haryana में समय से पहले विधानसभा भंग, संवैधानिक संकट से बचने के लिए सरकार ने लिया फैसला- Live Times

Haryana Assembly Election 2024: संवैधानिक संकट से बचने के लिए नायब सिंह सैनी (Nayab Singh Saini) की सरकार ने यह कदम उठाया है.

Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा में 5 अक्टूबर को विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं. चुनाव से पहले हरियाणा की भारतीय जनता पार्टी की सरकार की सिफारिश पर हरियाणा विधानसभा भंग कर दी गई है. बता दें कि पिछले 6 महीनों के दौरान विधानसभा सत्र न बुला पाने के संवैधानिक संकट से बचने के लिए नायब सिंह सैनी (Nayab Singh Saini) की सरकार ने यह कदम उठाया है. ऐसे में हरियाणा राज्य की 14वीं विधानसभा समय से पहले ही भंग कर दी गई.

राज्यपाल ने जारी किया नोटिफिकेशन

हरियाणा में BJP सरकार की सिफारिश पर राज्य के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने विधानसभा भंग कर दिया. उन्होंने इसका नोटिफिकेशन भी दिया है. नोटिफिकेशन में लिखा गया है कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 174 के खण्ड (2) के उप खण्ड (ख) की ओर से मुझे प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, मैं बंडारू दत्तात्रेय, राज्यपाल, हरियाणा हरियाणा विधान सभा का तत्काल विघटन करता हूं. बता दें कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने बुधवार को ही विधानसभा भंग करने वाले प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. ऐसे में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने विधानसभा समय से पहले ही भंग कर दिया. नायब सिंह सैनी चुनाव होने तक और नई सरकार चुने जाने तक अब प्रदेश के कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहेंगे.

3 नवंबर तक था सरकार का कार्यकाल

बता दें कि हरियाणा सरकार का कार्यकाल 3 नवंबर तक था. कार्यकाल पूरा होने में 52 दिन अभी तक बचे हुए थे. संवैधानिक नियमों के तहत हरियाणा सरकार को 12 सितंबर तक सत्र बुलाना जरूरी था. सरकार पर दबाव बढ़ रहा था. संविधान के अनुच्छेद 174(1) के अनुसार भारत के किसी भी राज्य की विधानसभा के 2 सत्रों के बीच 6 महीने से ज्यादा का अंतर नहीं होना चाहिए. हरियाणा में आखिरी बार 13 मार्च को एक दिन का विशेष सत्र बुलाया गया था. इस दौरान नायब सिंह सैनी ने कुर्सी संभालने के बाद सदन में बहुमत साबित किया था. ऐसे में 12 सितंबर तक दूसरा सत्र बुलाना जरूरी था, लेकिन हरियाणा की BJP सरकार कई कारणों से इसमें फेल हो गई. ऐसे में समय से पहले विधानसभा भंग करने का प्रस्ताव दिया गया.ॉ

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फैसले से पहले लागू हुई आचार संहिता

जानकारी के मुताबिक, 17 अगस्त को BJP सरकार को विधानसभा सत्र के लिए फैसला लेना था, लेकिन इससे पहले विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू हो गई. सरकार इसे भांपने में नाकाम हो गई और 16 अगस्त को राज्य में चुनाव आचार संहिता लग गई. ऐसे में सरकार विधानसभा सत्र नहीं बुला पाई. जानकारी के मुताबिक, संवैधानिक संकट के बाद विधानसभा भंग करने का यह देश में सबसे पहला मामला है. आजादी के बाद अभी तक ऐसी नौबत नहीं आई थी. कोरोना काल में भी इस तरह के संकट से बचने के लिए 1 दिन का विधानसभा सत्र बुलाया गया था. ऐसे में सरकार के पास हरियाणा विधानसभा को समय से पहले भंग करने का एकमात्र विकल्प बचा था.

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