Om Prakash Chautala Passed Away : हरियाणा के पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला का निधन हो गया है. उन्होंने गुरुग्राम के निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली.
Om Prakash Chautala Passed Away : हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला का शुक्रवार को निधन हो गया है. उन्होंने 89 वर्ष की उम्र में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली. इनेलो प्रमुख को करीब 11:30 बजे अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन उन्होंने 12 बजे तक दम तोड़ दिया. वह राज्य में 7 बार विधायक और 5 बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं. वहीं, पार्टी प्रवक्ता ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि इनेलो सुप्रीमो का निधन कार्डियक अरेस्ट की वजह से हुआ है. बता दें कि ओम प्रकाश चौटाला को सार्वजनिक रूप से तब देखा गया था जब वह हरियाणा विधानसभा चुनाव में प्रचार के बाद 5 अक्टूबर को सिरसा के एक पोलिंग बूथ पर मतदान करने के लिए पहुंचे थे.
किसानों के बीच में बनाई पहचान
ओम प्रकाश चौटाला हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और देश के उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के बेटे थे. ओम प्रकाश चौटाला का जन्म 1 जनवरी, 1935 हरियाणा के सिरसा में हुआ था. चौटाला राज्य के 7वें मुख्यमंत्री रहे और उनके पिता देवीलाल ने हरियाणा राज्य को अस्तित्व लाने में अहम भूमिका निभाई थी. इसके बाद देवीलाल की हरियाणा में एक पहचान बन गई थी और वह जनता दल की सरकार में देश के उपप्रधानमंत्री भी बने थे. वहीं, ओम प्रकाश चौटाला ने मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए किसानों और राज्य के विकास के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं बनाई. साथ ही विपक्ष में रहते हुए भी वह किसानों के बारे में बात करते रहते थे. यह अलग बात है कि टीचर घोटाला मामले में ओम प्रकाश चौटाला ने तिहाड़ जेल में सजा काटी थी.
ऐसा रहा सीएम बनने का सफर
ओम प्रकाश चौटाला साल 1989 में पहली हरियाणा के मुख्यमंत्री बने थे और वह इस कुर्सी पर 1990 तक विराजमान रहे. इसके बाद 12 जुलाई, 1990 को दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और फिर उन्हें पांच दिन बाद ही कुर्सी छोड़नी पड़ी. 22 मार्च, 1991 को उन्हें तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ लेकिन वह इस पद पर 14 दिन ही टिक पाए और उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. इसके अलावा 24 जुलाई, 1999 में उन्होंने चौथी बार सीएम पद की जिम्मेदारी संभाली और वह इस बार 4 चार महीने तक इस पद बने रहे. साथ ही वह 2 मार्च, 2002 को पांचवी बार मुख्यमंत्री बने और उन्होंने इस बार सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए पांच साल का कार्यकाल पूरा किया.
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