Home Top News ‘नए साल का जश्न मनाना हराम’, मुस्लिमों के लिए जारी हुआ फतवा; मुबारकबाद देने से किया मना

‘नए साल का जश्न मनाना हराम’, मुस्लिमों के लिए जारी हुआ फतवा; मुबारकबाद देने से किया मना

by Divyansh Sharma
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Fatwa Against New Year Celebration: ऑल इंडिया मुस्लिम जमात मौलाना के राष्ट्रीय अध्यक्ष शहाबुद्दीन रजवी की ओर से अजीबो-गरीब फतवा जारी किया गया है.

Fatwa Against New Year Celebration: साल 2024 खत्म होने में सिर्फ एक दिन बचा है. नए साल की जश्न में पूरी दुनिया डूब जाएगी. लोग एक-दूसरे को बधाई देंगे और जश्न मनाएंगे. इस बीच उत्तर प्रदेश में नए साल को लेकर अजीबो-गरीब फतवा जारी हुआ है. ऑल इंडिया मुस्लिम जमात मौलाना के राष्ट्रीय अध्यक्ष शहाबुद्दीन रजवी ने नए साल के जश्न मनाने के खिलाफ फतवा जारी किया है. फतवे में उन्होंने मुसलमानों को नए साल के जश्न में शामिल होने से दूर रहने की हिदायत दी है.

नए साल के संदेश भेजना भी प्रतिबंधित

ऑल इंडिया मुस्लिम जमात मौलाना के राष्ट्रीय अध्यक्ष शहाबुद्दीन रजवी की ओर से यह फतवा रविवार को जारी किया गया है. उन्होंने सख्त लहजे में हिदायत देते हुए कहा कि नए साल पर एक-दूसरे को बधाई देना और पार्टियां करना गैर-इस्लामी है. फतवे उन्होंने कहा है कि जनवरी से नए साल की शुरुआत ईसाई धर्म के अनुसार होती है और नया साल ईसाई धर्म के अनुसार जश्न मनाने का तरीका है.

उन्होंने दावा किया कि इस्लाम में ऐसे कार्यक्रमों की सख्त मनाही है. बरेलवी संप्रदाय से जुड़े मौलवी ने साफ करते हुए कहा कि नए साल के जश्न के दौरान मोबाइल पर एक-दूसरे को नए साल पर संदेश भेजना, होटलों में नाच-गाना, अश्लीलता, गुंडागर्दी, शराब पीना और जुआ खेलने जैसी गतिविधियां आयोजित की जाती हैं. इस तरह की गतिविधियां इस्लामी शरीयत में प्रतिबंधित की गई हैं.

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गैर धर्मों के त्योहारों में शामिल होना गलत

मौलाना शहाबुद्दीन रजवी की ओर से जारी फतवे में यह भी कहा गया है कि इन गतिविधियों में शामिल पाया गया कोई भी मुस्लिम समुदाय का लड़का या लड़की शरीयत के अनुसार अपराधी माना जाएगा. फतवे में मुसलमानों से यह भी कहा गया है कि मुसलमानों को गैर धर्मों के धार्मिक त्योहारों में शामिल नहीं होना चाहिए.

उन्होंने जोर देकर कहा कि मुस्लिमों को एक-दूसरे को भी इसमें शामिल होने से रोकना होगा. अगर कोई व्यक्ति इस तरह का शरीयत के खिलाफ काम करता है, तो वह सख्त गुनहगार माना जाएगा. बता दें कि मौलाना की ओर से जारी फतवा किसी धार्मिक मुद्दे पर पूछे गए सवालों के लिए जवाबों का एक दस्तावेज है. आमतौर पर यह मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए जारी किया गया एक अतिरिक्त कानूनी प्रतिबंध होता है.

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