Delhi Air Pollution : दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण ने लोगों के साथ-साथ आम आदमी पार्टी सरकार की भी चिंता बढ़ा दी है.
Delhi Air Pollution : दिल्ली-एनसीआर में मॉनसून की विदाई करीब-करीब हो चुकी है. इसके साथ ही दिल्ली में सर्दियों से पहले वायु प्रदूषण ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है. दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index) तेजी से बढ़ने लगा है. आलम यह है कि दिल्ली-एनसीआर में AQI 200 से ऊपर पहुंच चुका है. इस बीच दिल्ली वासियों को प्रदूषण से बचाने के लिए सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार ने काम भी करना शुरू कर दिया है.
Delhi Air Pollution : 5 लाख गाड़ियां होंगे अनरजिस्टर्ड
इसके तहत अब देश की राजधानी दिल्ली में हर साल की तरह इस साल भी 5 लाख गाड़ियों को अनरजिस्टर्ड किया जाएगा. अब तक ऐसा करने से दिल्ली में अनरजिस्टर्ड गाड़ियों की संख्या करीब 59 लाख से भी ज्यादा हो गई है. इसके साथ ही दिल्ली में डीजल के वाहनों को 10 साल में और पेट्रोल के वाहनों को 15 साल में दिल्ली से बाहर किया जाता है, लेकिन वर्ष 2021 तक दिल्ली में बिकने वाले BS4 वाहनों को भी 5 महीने के लिए बाहर कर दिया जाएगा.
Delhi Air Pollution : दिल्ली में कबाड़ नीति नहीं बन सकी
इस मामले में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (National Green Tribunal) के दखल के बाद सुप्रीम कोर्ट पहले ही राज्य सरकार को कबाड़ नीति बनाने का फैसला सुना चुका है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद दिल्ली में कभी तक कोई कबाड़ नीति नहीं बन पाई है. इतना ही नहीं, जब आरटीओ में होने वाले कामों को लेकर पड़ताल की गई तो दलालों के मकड़जाल की बजह से कोई भी विभागीय कार्य कराने में नाको चने चबाने पड़ रहे हैं.
Delhi Air Pollution : 59 लाख वाहन हो चुके हैं प्रतिबंधित
गौरतलब है कि दिल्ली में कुल चलने वाले गाड़ियों की संख्या अब 82 लाख ही रह गई है और इस साल भी 5 लाख वाहनों को अनरजिस्टर्ड किया जाएगा. अब तक 59 लाख गाड़ियों को प्रतिबंधित किया जा चुका है. सूत्रों की मानें तो हर साल दिल्ली में गाड़ियों से 8 से 12 प्रतिशत तक प्रदूषण होता है, लेकिन अभी तक गाड़ियों से होने वाले पॉल्यूशन का कोई आधिकारिक आंकड़ा सामने नहीं आया है.
Delhi Air Pollution : प्रदर्शन की तैयारी में संबंधित संगठन
वायु प्रदूषण को कम करने के लिए और बढ़ती सख्ती से कई निजी ट्रेवल कंपनियां टूर एन्ड ट्रेवल एजेंसियां भी परेशानी में दिखाई दे रही हैं. दिल्ली टैक्सी एंड टूरिस्ट ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सम्राट (Sanjay Samrat, President, Delhi Taxi and Tourist Transport Association) बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा कि यूरो 4 की गाड़ियां 2021 तक दिल्ली में रजिस्टर्ड की गई और उनको सर्दियों में 5 महीने के लिए बैन कर दिया जाता है, वह अपनी मांगों को लेकर जल्दी विरोध प्रदर्शन करेंगे.
Delhi Air Pollution : दिल्ली के लोग भी हैं नाराज
उधर, अनरजिस्टर्ड के चलते कई पुरानी गाड़ियों को दिल्ली से बाहर किए जाने को लेकर दिल्ली वासी भी बेहद नाराज नजर आ रहे हैं. इस मामले को लेकर जब कॉमर्शियल और निजी गाड़ी चलाने वालों से बातचीत की गई तो उन्होंने अपना नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि पॉल्यूशन नहीं फैलाने के बाद भी 10 और 15 साल में गाड़ियां बाहर की जा रही हैं. यह तो सरकार की मनमानी है.
Delhi Air Pollution : कर्ज का होना पड़ता है शिकार
वहीं. एक कैब मालिक का कहना है कि जब हम 10 साल में गाड़ी के कर्ज से फ्री होते हैं तो मुझे गाड़ी बेचनी पड़ जाती है. इसके बाद फिर से नई गाड़ी खरीदने के लिए कर्ज में डूबना पड़ता है. वहीं दूसरे कैब मालिक ने बताया कि 2020-21 में उन्होंने BS -4 गाड़ी ली थी. डीजल की गाड़ी के 10 साल नहीं होने के बाद भी उसको सर्दियों में 4 से 5 महीने घर में खड़ी करना पड़ता है और किस्तें अपने घर से देनी पड़ती हैं.
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Delhi Air Pollution : सीएनजी पर आता है अधिक खर्च
इस पूरे मामले में दिल्ली परिवहन विभाग ने कबाड़ वाहनों के लिए 6 वेंडर्स को अधिकृत किया गया है. मजबूरी में लोगों को अपने बहनों को एनसीआर के बाहर के जिलों में बेचना पड़ता है. इतना ही नहीं, पेट्रोल गाड़ियों में सीएनजी किट लगवाने में भी लोगों को विभाग के कई चक्कर लगाने पड़ते हैं. सीएनजी किट लगवाने में 30 हजार से लेकर 70 हजार रुपये तक का खर्च आता है. गौरतलब है कि दिल्ली के पर्यावरण मंत्री कैलाश गहलोत ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया था. इसमें उन्होंने विभाग और गाड़ियों से संबंधित जानकारी साझा की थी.
यह भी जानें
- दिल्ली में दिसंबर 2023 में बिके कुल वाहनों में से 19.5 प्रतिशत वाहन इलेक्ट्रिक थे.
साल 2023 में दिल्ली कुल 6,57,312 वाहन ऐसे थे जोकि रजिस्टर्ड किए गए, जिनमें से 73,610 इलेक्ट्रिक थे. - दिल्ली सांख्यिकी पुस्तिका 2023 के अनुसार, 31 मार्च 2023 तक बेंगलुरू में कुल 23.1 लाख निजी कारें थीं. इसकी तुलना में, राष्ट्रीय राजधानी में 79.5 लाख वाहन थे, जिनमें से 20.7 लाख निजी कारें थीं.
- आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में कुल 1.2 करोड़ वाहनों का पंजीकरण हुआ, जिनमें से 33.8 लाख निजी कारें थीं
राजधानी में क्रमशः 15 और 10 साल से अधिक पुराने पेट्रोल और डीजल वाहनों पर सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंध के बाद से पुराने वाहनों का पंजीकरण रद्द किया जा रहा है.
अकेले 2021-22 और 2022-23 में 55 लाख कारों का पंजीकरण रद्द कर दिया गया, जबकि 1.4 लाख वाहनों को स्क्रैप कर दिया गया और 6.2 लाख से अधिक वाहनों को अन्य राज्यों में फिर से पंजीकृत करने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त हुए.
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