Bihar Politics: जीतन राम मांझी ने डिनर डिप्लोमेसी के जरिए ताकत दिखाने की कोशिश की है, लेकिन इसी पार्टी में NDA में मतभेद भी खुलकर सामने आ गए.
Bihar Politics: बात बिहार की हो और लिट्टी-चोखा की बात न हो. यह कैसे सम्भव है? बिहार में इस साल के अंत में चुनाव होने वाले हैं और बिहार की राजनीति की कल्पना बिना लिट्टी-चोखा के की ही नहीं जा सकती है. चुनाव से पहले ही सियासी गर्मी बढ़ने लगी और डिनर डिप्लोमेसी का आयोजन भी शुरू हो गया है.
इसी क्रम में केंद्रीय मंत्री और HAM यानि हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा- सेक्युलर पार्टी के मुखिया जीतन राम मांझी ने डिनर डिप्लोमेसी के जरिए अपनी ताकत दिखाने की कोशिश की है, लेकिन इसी पार्टी में BJP यानि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले NDA में मतभेद भी खुलकर सामने आ गए हैं.
‘लिट्टी विथ मांझी’ पार्टी में नदारत रहे चिराग
दरअसल, जीतन राम मांझी ने 2 फरवरी की रात को अपने आवास पर डिनर पार्टी ‘लिट्टी विथ मांझी’ का आयोजन किया. इस आयोजन में बिहार के नए गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान से लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत NDA के सभी बड़े नेताओं को न्योता दिया गया था.
इस डिनर पार्टी में LJPR यानि लोक जनशक्ति पार्टी-रामविलास के मुखिया और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को भी बुलाया गया था. रविवार की शाम को अपने निर्धारित समय के अनुसार बिहार के नए गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, मंत्री विजय कुमार चौधरी, मंत्री नीतीश मिश्रा समेत NDA के कई बड़े नेता शामिल हुए.
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने भी जमकर अतिथियों की मेहमान नवाजी की. उन्होंने अपने X हैंडल पर इस डिनर डिप्लोमेसी की तस्वीरें शेयर की हैं, लेकिन इन तस्वीरों में चिराग पासवान नदारत रहे. चिराग पासवान की गैरमौजूदगी ने गठबंधन पर बड़े सवाल खड़े कर दिए. पार्टी के मुताबिक डिनर में चिराग के बदले उनकी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी गए थे. चिराग पासवान दिल्ली चुनाव प्रचार व्यस्त बताए जा रहे हैं. पार्टी उनके लिट्टी पार्टी में ना जाने की यही दलील दे रही है.
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जीतन राम मांझी क्यों हुए हमलावर?
बता दें कि 31 जनवरी को एक सत्या नाम के X यूजर ने चिराग पासवान पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि जीतन राम मांझी और नीतीश मिश्रा ने सोशल मीडिया के माध्यम से जनता से सकारात्मक संवाद संभव करके दिखाया है. इस पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए जीतन राम मांझी ने इशारों ही इशारों में चिराग पासवान पर बड़ा हमला बोला था. अपने पोस्ट में उन्होंने यहां तक कह दिया था कि पद पर रहकर अगर बिहार और बिहारियत के लिए कुछ ना कर पाऊं, तो उससे बेहतर मर जाना है.
बाद में उन्होंने अपना पोस्ट डिलीट कर दिया था. बता दें NDA में चिराग पासवान की पार्टी को ज्यादा महत्व दिए जाने पर जीतन राम मांझी खुले मंच से अपने मंत्री पद छोड़ने और NDA को औकात दिखाने की भी बात कर चुके हैं. बड़ा सवाल यही है कि जीतन राम मांझी इतने परेशान क्यों है.
दरअसल, यह पूरा विवाद गठबंधन में चिराग के बढ़ते कद और दलित पॉलिटिक्स से प्रेरित है. जीतन राम मांझी मुसहर जाति यानि महादलित कैटेगरी में आते है. वहीं, चिराग पासवान की जाति दलित वर्ग में आती है. बिहार में दलित वोट 19 प्रतिशत के आस पास है. करीब 5 फीसदी पासवान जाति और करीब 3 फीसदी मुहर जाति का वोट दोनों के लिए मायने रखता है. साथ ही बिहार में जातीय समीकरण ही नेता तय करते हैं. ऐसे में यह विवाद तूल पकड़ता हुआ दिख रहा है.
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