Bihar Politics: RJD के लिए बड़ा सवाल यह है कि जिस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कई समय से कार्यालय नहीं पहुंचे, वह पार्टी अपनी पूरी ताकत कैसे दिखा पाएगी.
Bihar Politics: बिहार में इस साल के अंत तक विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं. इससे पहले बिहार की सियासी धरती तपने लगी है. सभी दलों की ओर से तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. BJP यानि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में NDA ने दमखम दिखाना शुरू कर दिया है.
वहीं, RJD यानि राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया लालू यादव ने कहा है कि उनके रहते हुए RJD के नेतृत्व वाले महागठबंधन के अलावा कोई भी बिहार में अपनी सरकार नहीं बना सकता है, लेकिन RJD के लिए सबसे बड़ा सवाल यह है कि जिस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पिछले कई समय से पार्टी कार्यालय नहीं पहुंचे हैं, वह पार्टी प्रदेश में अपनी पूरी ताकत कैसे दिखा पाएगी.
RJD नेता का दावा- पार्टी में सब ठीक
दरअसल, RJD के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह पिछले कई दिनों से पार्टी ऑफिस में नजर नहीं आए हैं. इसमें दिलचस्प बात यह है कि न तो उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया है और न ही लालू यादव ने उन्हें पद से हटाया है. पिछले साल रामगढ़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए थे. इस चुनाव में जगदानंद सिंह के बेटे अजीत कुमार सिंह भी मैदान में थे. 23 नवंबर को जारी हुए नतीजों में वह चुनाव हार गए.
सके बाद से ही बताया जा रहा है कि जगदानंद सिंह पार्टी कार्यालय नहीं जा रहे हैं. इस बारे में पार्टी के प्रवक्ताओं और नेताओं से जब पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि जगदानंद सिंह एकांतवास में हैं. RJD नेता मनोज झा ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के नेतृत्व में पार्टी में क्रांतिकारी बदलाव हुए हैं. वह लालू प्रसाद यादव के एक सच्चे सिपाही हैं. वह एकांत में पार्टी के विकास के लिए सोच रहे हैं और वह हमारे साथ हैं और आगे भी रहेंगे. कुछ दिन में वह सामने आएंगे.
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कार्यकारिणी की बैठक में भी रहे नदारद
बता दें कि जगदानंद सिंह पिछले 6 साल से RJD प्रदेश अध्यक्ष पद पर काबिज हैं. पहले भी कई बार वह खराब स्वास्थ्य और अन्य कारणों से पद छोड़ने की पेशकश कर चुके हैं. हर बार उन्हें लालू यादव ने मना कर दिया. दोनों नेताओं के बीच कई बार रूठने-मनाने का खेल भी चला. ऐसे में बताया जा रहा है कि वह एक बार फिर पार्टी से नाराज चल रहे हैं. कुछ दिनों पहले ही पटना के होटल मौर्य में RJD राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई.
इस बैठक में भी जगदानंद सिंह नदारद रहे. इसी बैठक में लालू यादव अपने बेटे तेजस्वी यादव को पार्टी के लिए कई बड़े फैसले लेने का अधिकार दे चुके हैं, लेकिन जगदानंद सिंह की गैरमौजूदगी ने अनसुलझे रहस्यों को जन्म दे दिया है. गौरतलब है कि इस साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं. वहीं, RJD में जगदानंद सिंह की कद का कोई बड़ा राजपूत चेहरा नहीं है. ऐसे में जगदानंद सिंह की कथित नाराजगी पार्टी को भारी पड़ सकती है.
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