Home RegionalBihar बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार मजबूरी या जरूरी! नीतीश के साथ BJP ने क्यों दिखाई ताकत?

बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार मजबूरी या जरूरी! नीतीश के साथ BJP ने क्यों दिखाई ताकत?

by Divyansh Sharma
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Bihar Cabinet Expansion: मंत्रिमंडल विस्तार में 7 नए चेहरे को जगह मिलने वाली है. सभी 7 विधायक BJP यानी भारतीय जनता पार्टी के कोटे से मंत्री बनाए गए.

Bihar Cabinet Expansion: बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं. इससे पहले बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार किया गया. चुनाव से पहले बिहार में मंत्रिमंडल में सियासी हलचल तेज कर दी है. बुधवार को हुए मंत्रिमंडल विस्तार में 7 नए चेहरे को जगह मिली है. सभी 7 विधायक BJP यानी भारतीय जनता पार्टी के कोटे से मंत्री बनाए गए. ऐसे में बड़ा सवाल बन गया है कि चुनाव से कुछ समय पहले मंत्रिमंडल का विस्तार जरूरी है या मजबूरी.

RJD की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

जानकारी के मुताबिक राज्य में 28 फरवरी से बजट सत्र की शुरुआत होने वाली है. इससे पहले 7 नए चेहरों को कैबिनेट में शामिल किया गया. चुनाव से पहले नए विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल करना NDA की ओर से चुनावी तैयारियों की तरह देखा जा रहा है. कैबिनेट विस्तार के जरिए NDA ने कई जातीय समीकरण साधने की कोशिश की है.

माना रहा है NDA के इस दांव से RJD यानी राष्ट्रीय जनता दल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. BJP कोटे से 7 विधायकों के मंत्री बनाए जाने के कारण इसे पार्टी के शक्ति प्रदर्शन के तौर पर भी देखा जा रहा है. बता दें कि वर्तमान में बिहार कैबिनेट में मुख्यमंत्री और दो उप-मुख्यमंत्री समेत कुल 30 मंत्री हैं. इसमें नीतीश कुमार की पार्टी JDU यानी जनता दल यूनाइटेड के 13 मंत्री हैं. इसमें नीतीश कुमार भी शामिल हैं.

एक मंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी HAM-S यानी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा-सेक्युलर और एक निर्दलीय विधायक भी शामिल हैं. दूसरी ओर BJP के 16 मंत्री हैं. इसमें BJP के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल भी शामिल थे, लेकिन बुधवार को उन्होंने इस्तीफा दे दिया था. संख्याबल के मुताबिक, बिहार में कुल 36 मंत्री हो सकते हैं. अब कुल मिलाकर 7 पद खाली हो गए हैं. अब इन खाली पदों पर BJP के विधायकों को मंत्री बनाया गया.

शपथ लेने वाले मंत्रियों की जाति

कृष्ण कुमार मंटू पटेल- कुर्मी
जीवेश मिश्रा- भूमिहार
संजय सरावगी- वैश्य
मोती लाल प्रसाद- तेली
राजू सिंह- राजपूत
विजय कुमार मंडल- केवट
सुनील कुमार- कुशवाहा

बता दें कि बिहार में जातिगत सर्वे के मुताबिक पिछड़ों और अति पिछड़ों की आबादी सबसे अधिक है. वहीं, NDA की ओर से 243 सीटों में से 225 का लक्ष्य रखा गया है. ऐसे में सियासी समीकरणों को भी साधना जरूरी माना जा रहा है.

किस जाति की कितनी आबादी

कुशवाहा-4.27 प्रतिशत
कुरमी- 2.87 प्रतिशत
तेली- 2.81 प्रतिशत
भूमिहार-2.8 प्रतिशत
राजपूत-3.45 प्रतिशत
मल्लाह (केवट)- 2.60 प्रतिशत

यह भी पढ़ें: चुनाव से बिहार में बढ़ने लगी सियासी गर्मी, BJP ने की बड़ी बैठक; नीतीश ने भी विपक्ष को चौंकाया

मंत्रिमंडल विस्तार ने बढ़ाई सियासी गर्मी

बता दें कि राज्य में नवंबर महीने तक विधानसभा के चुनाव हो सकते हैं. ऐसे में BJP के नेतृत्व वाले NDA के दिग्गजों ने राज्य में मोर्चा संभाल लिया है. 24 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक कार्यक्रम में जाने से पहले खुली जीप में नीतीश कुमार के साथ रोड शो कर चुनावी बिगुल फूंक दिया है. इसके एक दिन बाद JDU यानी जनता दल यूनाइटेड के मुखिया नीतीश कुमार ने जेपी नड्डा से मुलाकात भी की थी.

इस मुलाकात के बाद BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता में कोर कमिटी की अहम बैठक भी आयोजित की गई थी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जेपी नड्डा के अलावा शिवराज सिंह चौहान, जीतनराम मांझी, चिराग पासवान, ललन सिंह और गिरिराज सिंह जैसे तमाम दिग्गजों ने भी बिहार का दौरा शुरू कर सियासी समीकरणों को साधना शुरू कर दिया है. अब मंत्रिमंडल विस्तार ने भी सियासी गर्मी बढ़ा दी है.

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