10 February 2024
अमेरिका में ‘नेशनल साइंस फाउंडेशन’ के डायरेक्टर सेतुरमन पंचनाथन के साथ-साथ कई और भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिकों को ‘नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग’ अवॉर्ड के लिए चुना गया है। नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग एक स्वतंत्र संस्थान है जिसका मकसद देश की सेवा में इंजीनियरिंग को बढ़ावा देना है। वहीं, IIT चेन्नई के टी. प्रदीप इस इंजीनियरिंग संस्थान में चुने गए 21 नए अंतरराष्ट्रीय सदस्यों में इकलौते भारतीय हैं। इसके साथ ही NAE में अमेरिकी सदस्यों की संख्या 2,310 और अंतरराष्ट्रीय सदस्यों की संख्या 332 पर पहुंच गई है। नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग के लिए चुने जाना किसी इंजीनियर को दिए जाने वाले सबसे बड़े सम्मान में से एक है। आपको बता दें कि टी. प्रदीप को क्लस्टर केमिस्ट्री साइंस में अपने शानदार सहयोग के लिए चुना गया है।
कब हुई पुरस्कार की शुरूआत
ENI अवार्ड को विश्व स्तर पर सबड़े बड़े सम्मान के लिए दिया जाता है। इसमें पिछले नोबेल अवॉर्ड विनर और प्रतिष्ठित वैज्ञानिक शामिल हैं। टी. प्रदीप का चुनाव ये सुनिश्चित करता है कि सामान्य व्यक्ति को भी ये सम्मान मिल सकता है। नैनोटेक्नोलॉजी और सस्टेनेबल वॉटर क्लीनिंग की फील्ड में प्रोफेसर प्रदीप को ये सम्मान दिया गया है। 2007 में शुरू हुए इस पुरस्कार का उद्देश्य पावर फील्ड में एक्सीलेंस लाना है।
क्या है स्वच्छ जल क्रांति ?
IIT प्रोफेसर्स की रिसर्च ये बताती है कि पानी से प्रदूषण हटाने के लिए टिकाऊ टेक्नोलॉजी जरूरी है। प्रोफेसर ने जो काम किए हैं उसने ना सिर्फ साफ पानी तक पहुंच को बदला है बल्कि पूरी दुनिया में वॉटर पॉल्यूशन से निपटने के लिए भी कई प्रयास किए जा रहे हैं। आपको बता दें ENI अवार्ड 3 केटेगरी में दिया जाता है। इसी के साथ ही प्रोफेसर प्रदीप को एयर पॉल्यूशन, वॉटर पॉल्यूशन, कचरा और नेचुरल एनवायरमेंट पॉल्यूशन से बचाव के लिए दिया गया है।
टी. प्रदीप का क्या है कहना ?
टी. प्रदीप ने कहा- पानी की प्योरिटी के लिए प्रोफेसर भविष्य में कई काम कर रहे है। ये सभी के लिए बड़ी बात है कि साइंस की फील्ड में शुद्ध जल को महत्व दिया जा रहा है। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि- ये एक ऐसा करियर है जहां पैसे के साथ-साथ संतुष्टि भी मिलती है। इसके लिए यंग लोगों को आगे आने की जरूरत है।