Protect Mobile Data: आपको जानकर हैरानी होगी कि ज्यादातार राजनीतिक दलों ने हर काम के लिए डेटा जुटा लिया है. उनको यह भी पता है कि आज आप क्या खा रहे हैं? इसका जानकारी भी उनके पास होती है.
31 May, 2024
Protect Mobile Data: आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में फोन हमारा एक साथी बन गया है. कहीं भी जाना हो तो उसके लिए एक ऐप, खाना ऑडर करना हो तो उसके लिए ऐप, अलग – अलग काम के लिए ऐप मौजूद हैं. आपके फोन में न जाने ऐसे कितने ही ऐप होंगे, लेकिन कभी आपने सोचा है कि ये आपके लिए कितना खतरनाक है. ये आपका निजी डाटा किसी थर्ड पार्टी के साथ शेयर कर रहे हैं.
Cert-In ने किया है दावा
जब भी आप किसी ऐप को इंस्टॅाल करते हैं तो आपके पास कॉन्टेक्ट, गैलरी, माइक, स्पीकर, और तो और लाइव लोकेशन का एैकसेस ये मांगते हैं. जिसे आप बिना सोचे समझे एैकसेस दे देते हैं और ये गलती आपको मुश्किलों में फंसा सकती है. भारत में 65 करोड़ लोग स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं. आपके फोल में कई ऐसे ऐप्स हैं, जो आपके डेटा को र्ड पार्टी के साथ साझा करते हैं. ऐसा हम नहीं कहते बल्कि सरकार की एजेंसी Cert-In का दावा है. Cert-In के अनुसार एंड्रॉयड यूजर्स का पर्सनल डेटा खतरे में है. साइबर क्रिमिनल्स आपके इस डेटा का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं.
राजनीतिक दल भी चुरा रहे आपक डेटा
Cert-In का कहना है कि एंड्रॉयड के सेफ्टी फिचर्स में कमी है, जिसके कारण साइबर क्रिमिनल्स आसानी से डेटा को चुरा सकते हैं और आप ठगी का शिकार हो सकते हैं. Cert-In का कहना है कि साइबर क्रिमिनल्स आपके पूरे मोबाइल सिस्टम को हैक भी कर सकते हैं. वहीं, इसके साथ ही आपकी हर जानकरी राजनेताओं को भी ये ऐप बता देते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि ज्यादातार राजनीतिक दलों ने हर काम के लिए डेटा जुटा लिया है. उनको यह भी पता है कि आज आप क्या खा रहे हैं? इसका जानकारी भी उनके पास होती है.
राजनेताओं को क्यों चाहिए आपकी जानकारी
अब सवाल ये है कि राजनीतिक दल ऐसा करते क्यों हैं तो आपको बता दें कि इन जानकारियों से वोट का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है. कहा जाता है कि आमतौर पर ये जानकारी कभी भी गलत साबित नहीं होते हैं. माइक्रोटारगेटिंग जिसका मतलब ये है कि आपका निजी डेटा का विज्ञापन दिखाने और जानकारी देने के लिए किया जाएगा. बता दें कि हमारे देश में कैंब्रिज एनालिटिका से जुड़ी एक कंपनी ने यह दावा किया था कि भारतीय जनता पार्टी और विपक्षी कांग्रेस दोनों ही पार्टियां उनके क्लाइंट हैं. हालांकि दोनों ने ही इससे साफ इन्कार कर दिया था.
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