Home Religious Tulsi Vivah 2024: तुलसी विवाह 12 या फिर 13 नवंबर को ? जानें तारीख, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Tulsi Vivah 2024: तुलसी विवाह 12 या फिर 13 नवंबर को ? जानें तारीख, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

by JP Yadav
0 comment
Tulsi Vivah 2024 date and puja vidhi know Tulsi Vivah shubh muhurat

Tulsi Vivah 2024 : मंगलवार (12 नवंबर 2024) को तुलसी विवाह का पर्व मनाया जाएगा. इस दिन शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 29 मिनट से लेकर शाम 7 बजकर 53 मिनट तक रहेगा.

Tulsi Vivah 2024 : हिंदू धर्म में करीब-करीब रोजाना ही त्योहार होता है. खुशहाली में त्योहार की एक खास भूमिका होती है. शायद इसीलिए हिंदू समुदाय के लोग अपनी जिंदगी को अन्य की तुलना में अधिक जिंदादिली से जीते हैं. त्योहारों और पर्वों की कड़ी में 12 नवंबर 2024 को तुलसी विवाह का पर्व मनाया जाएगा. इसी दिन तुलसी विवाह भी कराया जाएगा. इसके साथ ही इसी दिन देवउठनी एकादशी भी है. यह अलग बात है कि देश के कुछ हिस्सों में 13 नवंबर, 2024 को भी तुलसी विवाह किया जाएगा. कुल मिलाकर भारत में इस बार तुलसी विवाह त्योहार एक की बजाय दो दिन मनाया जाएगा. हम इस लेख में यह भी बताएंगे कि पूजा का शुभ मुहूर्त क्या होगा और कैसी पूजा करनी चाहिए.

Tulsi Vivah 2024: हिंदू धर्म में तुलसी के पौधों को महत्व

तुलसी के पौधों को हिंदू धर्म में अहम मुकाम हासिल है. इसके साथ ही तुलसी के पत्तों में एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो सर्दी और जुकाम के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं. हिंदू धर्म में तुलसी के पौधों को धन की देवी मां लक्ष्मी का प्रतीक के तौर पर भी माना जाता है. वैसे तो हिंदू समुदाय के लोग सामान्य तौर पर अपने-अपने घरों में सुबह-शाम तुलसी के पौधों की पूजा करते हैं, लेकिन कुछ महिलाएं तो तुलसी की रोजाना पूजा करती है. इसके साथ ही एक मान्यता यह भी है कि तुलसी विवाह के दिन पूजा-आराधना करने से वैवाहिक जीवन में खुशियां आती हैं. इसके अलावा पति-पत्नी में मतभेद कम होते हैं और प्रेम बढ़ता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को तुलसी माता और शालिग्राम का विवाह किया जाएगा. इसके अलावा, कुछ लोग द्वादशी पर भी तुलसी विवाह करते हैं.

Tulsi Vivah 2024: 12 या 13 नवंबर कब है तुलसी विवाह?

पंचांग के अनुसार तो कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को तुलसी माता और शालिग्राम जी का विवाह संपन्न होता है. वहीं, ऐसी मान्यता भी है कि तुलसी विवाह करवाने से इच्छुक व्यक्ति को कन्यादान के समान फल की प्राप्ति होती है. यह भी कहा जाता है कि तुलसी जी और शालिग्राम की कृपा से लोगों के जीवन में खासतौर से विवाह में आ रही बाधाएं भी दूर होती हैं. पंचांग के अनुसार, इस साल 12 नवंबर 2024 को तुलसी विवाह कराया जाएगा और सबसे जरूरी बात यह है कि इस दिन देवउठनी एकादशी भी है. कुछ जगहों पर तो 13 नवंबर, 2024 को भी तुलसी विवाह किया जाएगा.

Tulsi Vivah 2024: क्या है शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की एकादशी की तारीख की शुरुआत 11 नवंबर को शाम 6 बजकर 46 मिनट से हो रही है. इसके बाद इसका समापन 12 नवंबर को दोपहर बाद 4 बजकर 4 मिनट पर होगा. वहीं, ज्योतिष गणना के अनुसार, एकादशी तिथि पर तुलसी विवाह का शुभ समय शाम 5 बजकर 29 मिनट से लेकर शाम 7 बजकर 53 मिनट तक ही रहेगा. इसके अलावा, कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि की शुरुआत 12 नवंबर को शाम 4 बजकर 04 मिनट से हो रही है. वहीें, इसका समापन 13 नवंबर 2024 को दोपहर 1 बजकर 1 मिनट पर होगा.

यह भी पढ़ें: IMD Weather Update: दिल्ली समेत उत्तर भारत में कब शुरू होगी कड़ाके ठंड? नोट करें अपने-अपने यहां का हाल

तुलसी विवाह द्वादशी मुहूर्त 2024

  • लाभ-उन्नति
  • मुहूर्त- सुबह 6 बजकर 47 मिनट से
  • अमृत सर्वोत्तम मुहूर्त: सुबह 8 बजकर 6 मिनट से 9 बजकर 26 मिनट तक
  • शुभ-उत्तम : सुबह 10 बजकर 46 मिनट से दोपहर 12 बजकर 5 मिनट तक

यह भी पढ़ें : Healthy Sweet: मीठे की किसी हेल्दी-टेस्टी डिश की है तलाश तो ट्राई करें हाई प्रोटीन से भरपूर मूंगफली की बर्फी

Tulsi Vivah 2024: कैसे करें पूजा

  • तुलसी विवाह कराने के लिए सबसे पहले एक लकड़ी की चौकी लें.
  • ऊपर लाल रंग का साफ आसन बिछाएं और दूसरे रंग के आसन का उपयोग करने से बचें.
  • पूजा की अगली कड़ी में तुलसी के गमले को गेरू से रंग दें.
  • चौकी के ऊपर स्थापित कर दें. अगली कड़ी में एक और चौकी लें.
  • फिर साफ या नया आसन बिछा लें.
  • पूजा के क्रम में इसके बाद इस चौकी पर भगवान शालिग्राम को स्थापित कर दें.
  • दोनों चौकियों को एक दूसरे के पास में रखें. विवाह के लिए पूजा के क्रम में दोनों के ऊपर गन्ने से मंडप सजाएं.
  • कलश में जल भरें और उसमें पांच या फिर सात आम के पत्ते डाल दें. फिर इसे पूजा स्थल पर स्थापित कर दें.
  • पूजा के क्रम में अब शालिग्राम जी और माता तुलसी के सामने दीपक जलाएं.
  • दोनों को रोली या कुमकुम से तिलक करें.
  • तुलसी माता को लाल रंग की चुनरी भी चढ़ाएं.
  • धीरे-धीरे चूड़ी, बिंदी आदि चीजों से श्रृंगार करते जाएं.
  • चौकी समेत शालिग्राम जी को अपने हाथों तुलसी की 7 परिक्रमा कराएं
  • सबसे अंत में दोनों की आरती करना नहीं भूलें.
  • फूल का छिड़काव करें.
  • अब सभी में प्रसाद का वितरण करें.

यह भी पढ़ें : Dev Uthani Ekadashi 2024: नवंबर महीने में कब पड़ रहा है देवउठनी एकादशी का व्रत?

Follow Us On: Facebook | X | LinkedIn | YouTube Instagram

You may also like

Leave a Comment

Feature Posts

Newsletter

Subscribe my Newsletter for new blog posts, tips & new photos. Let's stay updated!

@2024 Live Time. All Rights Reserved.

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?
-
00:00
00:00
Update Required Flash plugin
-
00:00
00:00