Home Religious इन गलतियों ने नाराज होती हैं मां सरस्वती, नोट कर लें शुभ मुहूर्त; जानें वसंत पंचमी के बारे में पूरी डिटेल

इन गलतियों ने नाराज होती हैं मां सरस्वती, नोट कर लें शुभ मुहूर्त; जानें वसंत पंचमी के बारे में पूरी डिटेल

by Live Times
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Basant Panchami: हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन वसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है. इस दिन ज्ञान, कला और वाणी की देवी मां सरस्वती की पूजा-अर्चना करने का विधान है.

Vasant Panchami: हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन वसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है. इस दिन ज्ञान, कला और वाणी की देवी मां सरस्वती की पूजा-अर्चना करने का विधान है.

Vasant Panchami: माघ महीने की शुरुआत हो चुकी है और इस पवित्र महीने में कई महत्वपूर्ण त्योहार मनाए जाते हैं. इन्हीं त्योहारों में से एक है वसंत पंचमी. इस दिन ज्ञान और कला की देवी मां सरस्वती की पूजा-अर्चना की जाती है. माता सरस्वती की आराधना कर ज्ञान, विद्या और संगीत के आशीर्वाद की कामना की जाती है. धार्मिक मान्यताओं की मानें तो वसंत पंचमी के दिन ही देवी सरस्वती का प्राकट्य हुआ था. यह पर्व हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है.

इस साल कब मनाया जाएगा वसंत पंचमी का पर्व?

इस साल वसंत पंचमी का पर्व 2 फरवरी, 2025 को मनाया जाएगा. इस दिन माता सरस्वती की प्रतिमा घरों और स्कूलों में स्थापित की जाती है और इसकी पूजा-अर्चना की जाती है और भक्त देवी से बुद्धि, ज्ञान और सृजनशीलता का वरदान मांगते हैं. इस दिन पीले वस्त्र पहनने और पीले रंग के खाने वाली चीजों का उपयोग करना चाहिए.

वसंत पंचमी 2025 की तिथि और समय

पंचांग के अनुसार, माघ शुक्ल पंचमी तिथि की शुरुआत 2 फरवरी, 2025 को सुबह 09:14 बजे से हो जाएगी और इसका समापन 3 फरवरी, 2025 को सुबह 06:52 बजे होगा. उदया तिथि के आधार पर वसंत पंचमी का त्योहार 2 फरवरी को मनाया जाएगा. ये दिन विशेष महत्व रखता है क्योंकि इस दिन को ज्ञान और शिक्षा का प्रतीक माना जाता है.

क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त?

वसंत पंचमी वाले दिन मां सरस्वती की पूजा के लिए विशेष शुभ मुहूर्त होता है. इस दिन पूजा का सर्वोत्तम समय सुबह 07:09 बजे से 12:35 बजे तक रहेगा. इस समय की गई पूजा-पाठ से अधिक शुभ फल की प्राप्ति होगी. यह दिन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि प्रकृति के सौंदर्य और नई ऊर्जा का भी उत्सव है. आपको बता दें कि इस दिन से वसंत ऋतु की शुरुआत हो जाती है, जो खुशहाली और हरियाली का संदेश लेकर आती है.

मां सरस्वती के लिए पूजा की सामग्री

वसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजा के लिए आप मां सरस्वती की तस्वीर, गणेश जी की मूर्ति, चौकी और पीला कपड़ा शामिल करें. इसके अलावा पीले रंग की साड़ी, माला, पीले रंग का गुलाल, रोली, एक कलश, सुपारी, पान का पत्ता, अगरबत्ती, आम के पत्ते और धूप और गाय का घी भी शामिल करें. इसके अलावा कपूर, दीपक, हल्दी, तुलसी पत्ता, रक्षा सूत्र, भोग के लिए मालपुआ, खीर, बेसन के लड्डू और चंदन, अक्षत, दूर्वा, गंगाजल भी पूजा में विशेष महत्व रखते हैं.

पूजा की विधि

वसंत पंचमी के दिन पूजा के लिए पूजा करने की जगह एक चौकी लगाएं. इसके बाद से उसपर पीला साफ वस्त्र बिछाएं. उस चौकी पर माता सरस्वती की मूर्ति स्थापित करें. देवी को पीले रंग के वस्त्र, फूल, रोली, केसर और हल्दी और चंदन अर्पित करें. इसके बाद से मिठाई का भोग लगाएं और दीया जलाएं और पूजा-अर्चना करें. मां सरस्वती के मंत्रों का जाप करें और आरती करके प्रसाद ग्रहण करें और दूसरों को भी दें.

इन गलतियों से बचें

वसंत पंचमी के दिन कुछ गलतियों से बचना चाहिए. ऐसा माना जाता है ये सारी गलतियां करने से व्यक्ति को जीवन में कई तरह के परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में हम आपको बताएंगे कि कौन सी ऐसी गलतियां हैं जिन्हें आपको करने से बचना चाहिए. इस दिन किसी से भी गलत नहीं बोलना चाहिए, इससे मां सरस्वती नाराज होती हैं. वसंत पंचमी की पूजा करने के बाद ही भोजन का सेवन करें. हालांकि, इस दिन कई लोग व्रत भी रखते हैं. इसके अलावा मांसाहारी भोजन या नशे की चीजों का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए. इस पवित्र दिन किसी से बातचीत के दौरान झूठ नहीं बोलना चाहिए. सबसे जरूरी बात कि वसंत पंचमी पर काले रंग के कपड़े न पहनें.

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