Sindoor Significance: सिंदूर लगाने का रिवाज भारतीय संस्कृति में सदियों पुराना है. इसका वर्णन रामायण से लेकर महाभारत काल में भी मिलता है. आइए जानते हैं मांग में सिंदूर भरने के फायदे और महत्व.
25 June, 2024
Sindoor Significance: सनातन धर्म में सिंदूर का खास महत्व है. सिंदूर को सुहाग की निशाना माना जाता है, इसलिए सुहागिन स्त्रियां सिंदूर से मांग भरती हैं. सिंदूर लगाने की परंपरा भारतीय संस्कृति में सदियों पुरानी है. रामायण से लेकर महाभारत काल में भी इसका वर्णन मिलता है. शादी के दौरान वर वधू की मांग में सिंदूर भरता है. हिंदू धर्म शास्त्रों में भी इसका उल्लेख मिलता है. आइए जानते हैं मांग में सिंदूर भरने के फायदे और धार्मिक महत्व.
ये है सिंदूर से जुड़ी पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार मां सीता अपनी मांग में सिंदूर भर रही थीं, तो संकटमोचन हनुमान जी ने मां सीता से पूछा कि आप मांग में सिंदूर क्यों लगाती हैं? तब मां सीता ने कहा कि इससे भगवान श्री राम की आयु लंबी होगी और वो स्वस्थ और प्रसन्न रहेंगे. फिर हनुमान जी ने सोचा कि अगर मां सीता की मांग में थोड़ा सा सिंदूर देखकर भगवान श्रीराम प्रसन्न होते हैं तो मेरे पूरे शरीर पर सिंदूर देखकर कितना प्रसन्न होंगे. इसके बाद हनुमान जी ने अपने पूरे शरीर पर सिंदूर लगाया और सभा में चले गए. तब ऐसे वेश में सब उनको देखकर हंसने लगे, लेकिन भगवान श्रीराम बेहद प्रसन्न हुए.
सिंदूर लगाने से मिलते हैं ये फायदे
धार्मिक मान्यतानुसार, सुहागिन स्त्री द्वारा मांग में सिंदूर भरने से पति के जीवन पर कोई संकट नहीं आता. साथ ही रिश्ते में प्यार और मजबूती बनी रहती है. वहीं सिंदूर घर में सुख-शांति का भी प्रतीक माना जाता है.
इस तरह से लगाना चाहिए सिंदूर
शास्त्रों में उल्लेख मिलता है कि अगर कोई विवाहित महिला अपनी मांग में लंबा सिंदूर भरती है तो उसके पति को समाज में बेहद मान-सम्मान प्राप्त होता है. बस इस बात का ध्यान रखें कि सिंदूर हमेशा नाक की सीध में लगाएं क्योंकि मांग में टेढ़ा-मेढ़ा सिंदूर भरने से पति का भाग्य दुर्भाग्य में बदलने लगता है.
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