Home National Kashi Vishwanath Temple : काशी विश्वनाथ मंदिर से जुड़ी दिलचस्प बातें

Kashi Vishwanath Temple : काशी विश्वनाथ मंदिर से जुड़ी दिलचस्प बातें

by Pooja Attri
0 comment
kashi

Kashi Vishwanath Temple : उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित सबसे प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों में से एक है. आइए जानते हैं काशी विश्वनाथ मंदिर से जुड़ी रोचक बातें.

18 June, 2024

Kashi Vishwanath Temple : उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर देश के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है, जिसे भगवान शिव को समर्पित स्वर्ण मंदिर के रूप में भी जाना जाता है. जानते हैं इससे जुड़ी रोचक बातें.

भगवान शिव को समर्पित है मंदिर

यह मंदिर पवित्र नदी गंगा के पश्चिमी तट पर स्थित है और 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है. यहां के मुख्य देवता को विश्वनाथ या विश्वेश्वर नाम से भी जाना जाता है, जिसका अर्थ है ब्रह्मांड के शासक. वाराणसी शहर को काशी भी कहा जाता है, इसलिए इस मंदिर को काशी विश्वनाथ मंदिर कहा जाता है.

वाराणसी शहर का इतिहास

भारत के उत्तर प्रदेश में बसा वाराणसी शहर दुनिया के सबसे पुराने शहरों में से एक है. इसका निर्माण वर्ष 1780 में इंदौर की महारानी अहिल्याबाई होल्कर द्वारा किया गया था. इसको ‘बनारस’ और ‘काशी’ के नाम से भी जाना जाता है. हिंदू धर्म में इसको सर्वाधिक पवित्र नगरों में से एक माना जाता है और इसे अविमुक्त क्षेत्र भी कहा जाता है. इसके अलावा, बौद्ध एवं जैन धर्म में भी इसे पवित्र माना जाता है. वाराणसी की संस्कृति का गंगा नदी, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर और इसके धार्मिक महत्व से अटूट रिश्ता है. ये शहर सदियों से भारत का खासकर उत्तर भारत का सांस्कृतिक और धार्मिक केंद्र रहा है. वाराणसी को प्रायः ‘मंदिरों का शहर’, ‘भारत की धार्मिक राजधानी’, ‘भगवान शिव की नगरी’, ‘दीपों का शहर’ और ‘ज्ञान की नगरी’ आदि नामों से जाना जाता है.

‘रामचरितमानस’ भी यहीं लिखी गई

हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत का बनारस घराना वाराणसी में ही जन्मा और विकसित हुआ है. भारत के कई दार्शनिक, कवि, लेखक, संगीतज्ञ वाराणसी में रहे हैं, जिनमें कबीर, वल्लभाचार्य, रविदास, स्वामी रामानंद, त्रैलंग स्वामी, शिवानन्द गोस्वामी, मुंशी प्रेमचंद, जयशंकर प्रसाद, आचार्य रामचंद्र शुक्ल, पंडित रवि शंकर, गिरिजा देवी, पंडित हरि प्रसाद चौरसिया और उस्ताद बिस्मिल्लाह खां आदि शामिल हैं. गोस्वामी तुलसीदास ने हिंदू धर्म का परम-पूज्य ग्रंथ रामचरितमानस यही लिखा था और गौतम बुद्ध ने अपना पहला प्रवचन सारनाथ में दिया था, जो बेहद करीब है.

यह भी पढ़ें: Jammu-Kashmir News : मां के भक्तों में नहीं दिखा आतंकियों का खौफ, वैष्णो देवी मंदिर में उमड़ी भारी भीड़

You may also like

Leave a Comment

Feature Posts

Newsletter

Subscribe my Newsletter for new blog posts, tips & new photos. Let's stay updated!

@2024 Live Times News. All Right Reserved.

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?
-
00:00
00:00
Update Required Flash plugin
-
00:00
00:00