November 2024 Festival Lists: नवंबर का महीना त्योहारों का होता है. इस महीने में हिंदुओं के कई पर्व आते हैं. अक्टूबर की तरह ही नवंबर में भी त्योहारों की लाइन लगी रहती है.
November 2024 Festival Lists: भारत में नवंबर का महीना बेहद खास होता है. यह महीना हिंदू धर्म के लोगों के लिए बड़ा महत्व रखता है. इस बार नवंबर के पावन महीने में लोग गोवर्धन पूजा, भाई दूज और छठ पूजा जैसे त्योहार मना चुके हैं. त्योहारों की इसी कड़ी में देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह जैसे पर्व भी नवंबर के महीने में ही मनाए जाएंगे. ऐसे में इस महीने कौन- कौन से त्योहार आने बाकी है, उसी की एक लिस्ट आपके लिए लेकर आए हैं.
इस महीने के त्योहारों की लिस्ट
9 नवंबर 2024 – गोपाष्टमी दुर्गाष्टमी व्रत
10 नवंबर 2024 – अक्षय नवमी
12 नवंबर 2024 – देवउठनी एकादशी
13 नवंबर 2024 – व्रत तुलसी विवाह
15 नवंबर 2024 – देव दीपावली
16 नवंबर 2024 – वृश्चिक संक्रांति
18 नवंबर 2024 – संकष्टी गणेश चतुर्थी
22 नवंबर 2024 – कालभैरव जयंती
23 नवंबर 2024 – कालाष्टमी
26 नवंबर 2024 – उत्पन्ना एकादशी
28 नवंबर 2024 – प्रदोष व्रत
29 नवंबर 2024 – मासिक शिवरात्रि
गोपाष्टमी दुर्गाष्टमी व्रत
हिंदू धर्म में गोपाष्टमी के व्रत और पूजा का बड़ा महत्व है. इस दिन भगवान कृष्ण और गाय की पूजा की जाती है. यह त्योहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. वृंदावन और मथुरा समेत कई जगहों पर यह त्योहार मनाया जाता है.
अक्षय नवमी
इस साल अक्षय नवमी 10 नवंबर को मनाई जाएगी. हिंदू पंचांग के अनुसार, अक्षय नवमी कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है. इस दिन लोग व्रत रखते हैं और विष्णु भगवान की पूजा करते हैं. ऐसा माना जाता है कि आंवले के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है, ऐसे में इस दिन आंवले के पेड़ की छांव में बैठना और खाना बनाना बहुत शुभ होता है.
देवउठनी एकादशी
हिंदू धर्म में देवउठनी एकादशी का बहुत महत्व है. मान्याताओं के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु योगनिद्रा से जागते हैं. ऐसा माना जाता है कि योगनिद्रा से जागने के बाद भगवान विष्णु अपने हाथों में सृष्टि के संचालन की जिम्मेदारी लेते हैं. इसके बाद से हर प्रकार के मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाती है. इस दिन व्रत रखने से आपकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
व्रत तुलसी विवाह
हिंदू धर्म में तुलसी विवाह का बेहद महत्व है. हर साल यह पर्व कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाया जाता है. कहा जाता है कि जब भगवान विष्णु 4 महीने बाद योगनिद्रा से उठते हैं तब वृंदा यानी तुलसी का विवाह शालिग्राम से कराया जाता है. इसके बाद मंगल कार्यों की शुरुआत हो जाती है. धार्मिक मान्यताओं की मुताबिक, तुलसी विवाह करने से दांपत्य जीवन की परेशानियां दूर होती हैं.
देव दीपावली
देव दीपावली, दीवाली के 15 दिन बाद मनाई जाती है. देव दीपावली कार्तिक पूर्णिमा के दिन आती है. इसे देवताओं की दीपावली भी कहते हैं. ऐसा माना जाता है कि इस दिन सभी देवी-देवता धरती पर उतरकर दीवाली मनाते हैं.
वृश्चिक संक्रांति
हर महीने ग्रहों के राजा सूर्य जब एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो उस दिन को संक्रांति के रुप में मनाया जाता है. पंचांग की मुताबिक, साल में 12 संक्रांति मनाई जाती हैं. जब सूर्य तुला से वृश्चिक राशि में प्रवेश करता है तो इसे वृश्चिक संक्रांति कहा जाता है.
संकष्टी गणेश चतुर्थी
पंचांग के मुताबिक, हर माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी का व्रत किया जाता है. इस दिन मुख्य रूप से भगवान गणेश की पूजा होती है. इस दिन विधिवत भगवान गणेश की पूजा-पाठ करने से भक्तों को उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है. इसके अलावा संकष्टी गणेश चतुर्थी पर चंद्रमा को अर्घ्य देने का भी विधान है.
कालभैरव जयंती
हर मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी मनाई जाती है. इस दिन भगवान महादेव के रौद्र अवतार कालभैरव की पूजा-अर्चना की जाती है और व्रत रखा जाता है. कालभैरव को काशी का कोतवाल भी कहा जाता है.
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