10 March 2024
खाटूश्याम मंदिर राजस्थान के सीकर जिले स्थित है। बाबा श्याम का ये मंदिर देशभर में बहुत लोकप्रिय है। देश-दुनिया से कई श्रद्धालु रोजाना भारी संख्या में अपनी मनोकामनाएं लेकर बाबा के दर्शन करने पहुंचते हैं। हर साल बाबा खाटू के जन्मदिन के अवसर पर लक्खी मेले का आयोजन किया जाता है। इस बार 12 मार्च 2024 से ये मेला शुरू हो रहा है, जिसमें दूर-दूर से लोग शामिल होने के लिए आते हैं।
मेला क्यों लगता है
धार्मिक मान्यतानुसार, जब भगवान कृष्ण ने बर्बरीक से सिर मांगा तो, बर्बरीक ने पूरी रात भजन-कीर्तन किया। फिर उन्होंने फाल्गुन माह के शुक्ल द्वादशी को स्नानादि के बाद सच्चे मन से भगवान का पूजन किया। इसके बाद भगवान श्री कृष्ण को बर्बरीक ने अपना सिर काटकर दे दिया था। मान्यतानुसार, इसी वजह से खाटूश्याम में हर साल लक्खी मेला लगता है।
पीछे की मान्यता
मान्यतानुसार, फाल्गुन माह में जो व्यक्ति खाटूश्याम के दर्शन करने आता है तो उससे बाबा खाटू बेहद प्रसन्न होते हैं जिससे साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। इस दौरान पूरी श्याम नगरी बाबा खाटू के रंग में रंगी होती है।
मेला कब लगेगा
इस साल 12 मार्च 2024 को लक्खी मेले का आयोजन होने जा रहा है जिसका समापन 21 मार्च 2024 को होगा। भक्त इस मेले में शामिल होने के लिए दूर-दूर तक आते हैं। इस मेले का महत्व फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को माना जाता है।
बाबा खाटू कौन हैं?
बर्बरीक घटोत्कच्छ के पुत्र थे जो पांडव भीम के पोते थे। इन्हीं बर्बरीक को आज भारत में खाटूश्याम के नाम से जाना जाता है। खाटू श्याम का संबंध महाभारत काल से है। बर्बरीक के अंदर अपने दादा भीम की तरह ही अपार शक्ति थी। श्रीकृष्ण ने बर्बरीक को कलियुग में पूजे जाने का आशीर्वाद दिया था।