Varanasi Temples: अगर आप वाराणसी घूमने की प्लानिंग कर रहे हैं तो आज हम आपको यहां के प्राचीन और भव्य मंदिरों के बारे में बाताएंगे, जहां जाकर आप मन की शांति का अनुभव करेंगे. आइए जानते हैं वाराणसी के 10 फेमस मंदिर जहां आपको एक बार जरूर जाना चाहिए.
07 May, 2024
Fampus Temple in Varanasi: देश के राज्य उत्तर प्रदेश में कई तीर्थ स्थल मौजूद हैं. उन्हीं में से एक है वाराणसी शहर जो हिंदुओं के लिए खास महत्व रखता है. वाराणसी दुनियाभर में काशी नाम से भी जाना जाता है जहां कई प्राचीन मंदिर स्थित हैं. अगर आप वाराणसी घूमने की प्लानिंग कर रहे हैं तो आज हम आपको यहां के प्राचीन और भव्य मंदिरों के बारे में बाताएंगे, जहां जाकर आप मन की शांति का अनुभव करेंगे. चलिए जानते हैं काशी के 10 मंदिरों के बारे में.
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर
यह भगवान शिव को समर्पित है तथा स्वर्ण मंदिर के रूप में भी जाना जाता है. भगवान् शिव का काशी से विशेष महात्य है. इन्हें काशी के नाथ देवता भी कहा जाता है कि जिस बिंदु पर पहले ज्योतिर्लिंग, जो दिव्या प्रकाश में स्थित शिव का प्रकाश है. काशी में घाट और उत्तरवाहिनी गंगा एवं मंदिर में स्थापित शिवलिंग वाराणसी को धर्म, अध्यात्म, भक्ति एवं ध्यान का महत्वपूर्ण केंद्र की ख्याती प्रदान करता है.
माँ अन्नपूर्णा मन्दिर
काशी विश्वनाथ मंदिर के पास, देवी अन्नपूर्णा का महत्वपूर्ण मंदिर है, जिसे ‘अन्न की देवी ‘ माना जाता है.
संकठा मन्दिर
सिंधिया घाट के पास, ‘संकट विमुक्ति दायिनी देवी’ देवी संकटा का एक महत्वपूर्ण मंदिर है. इसके परिसर में शेर की एक विशाल प्रतिमा है. इसके अलावा यहां 9 ग्रहों के नौ मंदिर हैं.
कालभैरव मन्दिर
यह विशेसरगंज में हेड पोस्ट ऑफिस के पास वाराणसी का महत्वपूर्ण एवं प्राचीन मंदिर है. भगवान कलभैरव को ‘वाराणसी के कोतवाल’ के रूप में माना जाता है, बिना उनकी अनुमति के कोई भी काशी में नहीं रह सकता है. रविवार को इनके दर्शन का विशेष महत्व है.
मृत्युंजय महादेव मन्दिर
कालभैरव मंदिर के निकट दारानगर के मार्ग पर भगवान शिव का यह मंदिर स्थित है. इसके अलावा इस मंदिर के बहुत सारे धार्मिक महत्व हैं, जिसका पानी कई भूमिगत धाराओं का मिश्रण है और कई रोगों को नष्ट करने के लिए उत्तम है.
विश्वनाथ मन्दिर BHU
महामना मालवीय जी स्थपित बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के परिसर में स्थित नया विश्वनाथ मन्दिर जो बिड़ला जी द्वारा निर्मित है. सभी जाति या पंथ के लिए खुला है.
तुलसी मानस मन्दिर
वाराणसी में निर्मित यह मंदिर भगवान राम को समर्पित है यह उस स्थान पर स्थित है जहां महान मध्यकालीन द्रष्टा गोस्वामी तुलसीदास रहते थे और महाकाव्य ‘श्री रामचरितमानस’ लिखा करते थे, जो रामायण के नायक भगवान राम के जीवन का वर्णन करता है. तुलसीदास जी के महाकाव्य से छंद दीवारों पर अंकित हैं तथा यह दुर्गा मंदिर के निकट है.
संकटमोचन मन्दिर
दुर्गा मंदिर के रास्ते पर असी नदी धारा के निकट भगवान हनुमान का प्रसिद्ध मंदिर स्थित है. भगवान हनुमान को ‘संकटमोचन’ के रूप में भी जाना जाता है जो मुसीबतों से मुक्ति दिलाता है. यह मंदिर गोस्वामी तुलसीदास द्वारा स्थापित किया गया है. यह मंदिर ‘बंदर’ मंदिर के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि बहुत सारे बंदर परिसर के अंदर हैं.
दुर्गा मन्दिर
यह प्रसिद्ध मन्दिर 18 वी सदी में बनाया गया था. मंदिर पर पत्थर कारीगरी का बहुत सुन्दर काम है, यह नागौर शिल्प का एक अच्छा उदाहरण है. माँ दुर्गा शक्ति प्रतीक है जो संपूर्ण विश्व को नियंत्रित करती है. यहाँ माँ दुर्गा कुष्मांडा स्वरूप में विद्यमान हैं. ‘दुर्गाकुंड’ मंदिर के निकट एक प्राचीन कुंड स्थित है.
भारत माता मन्दिर
महात्मा गांधी ने 1936 में इस मंदिर का उद्घाटन किया और संगमरमर से भारत माता का मानचित्र यहां पर बनाया गया है. इस अवसर पर राष्ट्रवादियों बाबू शिव प्रसाद गुप्ता (भारत रत्न) और श्री दुर्गा प्रसाद खत्री ने प्रमुख मुद्राशास्त्री और पुरातत्ववेत्ता को उपहार में दिया था.
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