उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को कहा कि भारत की विरासत पर हमला करने वाले और यहां के लोगों का अपमान करने वाले आक्रमणकारियों का महिमामंडन करना देशद्रोह के बराबर है.
Bahraich/Lucknow: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को कहा कि भारत की विरासत पर हमला करने वाले और यहां के लोगों का अपमान करने वाले आक्रमणकारियों का महिमामंडन करना देशद्रोह के बराबर है, जिसे ‘नया भारत’ कभी स्वीकार नहीं करेगा. ये बातें योगी ने गुरुवार को बहराइच की मिहींपुरवा (मोतीपुर) तहसील के मुख्य भवन और आवासीय भवनों के उद्घाटन अवसर पर आयोजित जनसभा में कही.
तहसील का मुख्य और आवासीय भवन 845.19 लाख की लागत से 2,138 वर्ग मीटर में निर्मित किया गया है. बहराइच में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कही. महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर जिले में मुगल शासक औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर चल रहे विवाद के बीच आदित्यनाथ ने सनातन संस्कृति को नष्ट करने की कोशिश करने वाले ऐतिहासिक शख्सियतों का जश्न मनाने के खिलाफ चेतावनी दी.
बहराइच में गुरुवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए आदित्यनाथ ने कहा कि आक्रमणकारियों का महिमामंडन करने का मतलब देशद्रोह की जड़ों को मजबूत करना है. नया भारत उन लोगों को कभी स्वीकार नहीं करेगा जो हमारे महान पूर्वजों का अपमान करते हैं और उन लोगों की प्रशंसा करते हैं जिन्होंने हमारी सभ्यता पर हमला किया, हमारी महिलाओं का अपमान किया और हमारी आस्था पर प्रहार किया.
महाकुंभ भारत की शाश्वत सनातन संस्कृति का वसीयतनामा, आने वाली पीढ़ियों को करेगा प्रेरित
उन्होंने कहा कि जब पूरी दुनिया भारत की समृद्ध विरासत को स्वीकार कर रही है, तो यह हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह हमारे महान नेताओं के प्रति सम्मान बनाए रखे, न कि उन लोगों की प्रशंसा करे जिन्होंने हमारी पहचान मिटाने की कोशिश की. आदित्यनाथ की यह टिप्पणी प्रयागराज में हाल ही में संपन्न महाकुंभ पर बोलते हुए आई, जिसे उन्होंने “अब तक का सबसे बड़ा मानव समागम” कहा. उन्होंने संसद में नरेंद्र मोदी के हालिया भाषण का भी जिक्र किया, जिसमें प्रधानमंत्री ने इस आयोजन की मेजबानी के लिए उत्तर प्रदेश की प्रशंसा की, जिसके लिए गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर “66 करोड़ से अधिक श्रद्धालु” एकत्र हुए. आदित्यनाथ ने कहा, “दुनिया में कहीं और इतना बड़ा आयोजन नहीं हुआ है और कोई भी अन्य देश इस पैमाने का आयोजन नहीं कर सकता है. महाकुंभ भारत की शाश्वत सनातन संस्कृति का एक वसीयतनामा था, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा.
पिछली सरकारें केवल घोषणा करती थीं, काम नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि बहराइच भारत की ऋषि परंपरा से जुड़ा हुआ जनपद है. कहते हैं महर्षि बालार्क का एक विश्व प्रसिद्ध आश्रम इसी बहराइच में था. बहराइच की पहचान और नाम उन्हीं बालार्क ऋषि के नाम पर था. यह बहराइच वही ऐतिहासिक भूमि है जहां पर एक विदेशी आक्रांता को धूल धूसरित करते हुए महाराजा सुहेलदेव ने भारत की विजय पताका को फहराया था.
कहा कि पिछली सरकारें घोषणा करती थीं, लेकिन कार्य नहीं हो पाते थे. मिहींपुरवा तहसील में आज तक भवन नहीं था, जबकि एक सामान्य नागरिक के लिए सबसे ज्यादा कार्य तहसील से ही पड़ता है. भूमि संबंधी रिकॉर्ड हो, पैमाइश हो, वरासत की कार्यवाही हो, नामांतरण हो, बंटवारे का कार्य हो या फिर लैंड उसे से जुड़ी हुई इन सभी मामलों के निस्तारण का केंद्र तो तहसील है. जब तहसील का अपना भवन ही नहीं होगा तो एक सामान्य राजस्व से जुड़े मामलों में क्या न्याय मिल पाएगा.
गरीबों को दिया भरोसा, समय से मिलेगा न्याय
सीएम योगी ने कहा कि अब किसी गरीब का हक नहीं मारा जा सकता, इसके लिए सेटेलाइट के माध्यम से हम ऐसी व्यवस्था करेंगे कि 1 इंच भी लैंड किसी गरीब की मारी नहीं जाएगी. उन्होंने कहा कि यहां तहसील पर जिन अधिकारियों की तैनाती होगी वह बहराइच में रहें ऐसा नहीं हो सकता. उनके लिए आवास भी यही बनेगा. वह यहीं पर कैंपस में रहकर समस्या का समाधान करेंगे.
बहराइच का बाईपास भी किया स्वीकृत
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास की यह गाथा तभी आगे बढ़ सकती है जब हम अपनी विरासत को पूरे गौरव के साथ आगे बढ़ाने का कार्य करें. बहराइच का बाईपास भी हमने स्वीकृत कर दिया है. नेपाल से कनेक्टिविटी को आसान कर दिया है और यहां पर जो करतनिया घाट है इसको इको टूरिज्म के हब के रूप में विकसित करने जा रहे हैं. इस अवसर पर भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और विधान परिषद सदस्य पदम सिंह चौधरी, विधायक सरोज सोनकर, सुरेश्वर सिंह, सुभाष त्रिपाठी, रामनिवास वर्मा, अध्यक्ष जिला पंचायत बहराइच मंजू सिंह, विधान परिषद की सदस्य प्रज्ञा त्रिपाठी, भाजपा जिला अध्यक्ष ब्रजेश पांडे, पूर्व मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा, पूर्व सांसद अक्षयवर लाल गोंड़ व अन्य प्रतिनिधिगण मौजूद रहे.
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- लखनऊ से धीरज त्रिपाठी की रिपोर्ट