मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बजट सत्र के दौरान बुधवार को सदन में शायराना अंदाज में दिखे. समाजवादी पार्टी समेत विपक्षी दलों को खूब धोया.
LUCKNOW: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बजट सत्र के दौरान बुधवार को सदन में शायराना अंदाज में दिखे. समाजवादी पार्टी समेत विपक्षी दलों को खूब धोया. एक शेर के माध्यम से मुख्यमंत्री ने आईना दिखाते हुए कहा कि
‘बड़ा हसीन है इनकी जुबान का जादू,
लगाकर के आग बहारों की बात करते हैं।
जिन्होंने रात में चुन-चुन के बस्तियों को लूटा,
वही नसीबों के मारों की बात करते हैं।’
मुख्यमंत्री ने सदन में कहाकि जब हम चर्चा में भाग ले रहे हैं, तब 56.25 करोड़ से अधिक श्रद्धालु त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं. उन्होंने विपक्षी दलों को घेरते हुए कहा कि जब सनातन धर्म, मां गंगा, भारत की आस्था, महाकुंभ के खिलाफ अनर्गल प्रलाप और झूठा वीडियो दिखाते हैं तो यह 56 करोड़ लोगों के साथ ही भारत की सनातन आस्था के साथ खिलवाड़ है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह किसी पार्टी विशेष और सरकार का नहीं बल्कि समाज का आयोजन है. सरकार पीछे है. सरकार सहयोग और उत्तरदायित्वों का निर्वहन करने के लिए सेवक के रूप में है. सेवक के रूप में उत्तरदायित्वों का निर्वहन करना हमारी जिम्मेदारी है. हमारे मन में भारत की सनातन परंपराओं के प्रति श्रद्धा का भाव है और उन श्रद्धाओं को सम्मान देना हमारा दायित्व है.
हमारी संवेदना परिवारजनों के साथ, सरकार करेगी हरसंभव मदद
प्रतिपक्ष के सदस्य डॉ. आरके पटेल, संग्राम सिंह यादव, आराधना मिश्रा ‘मोना’का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे जिम्मेदारियों का अहसास है. 29 जनवरी को भगदड़ के शिकार श्रद्धालुओं और प्रयागराज कुंभ के दौरान सोनभद्र, अलीगढ़ या अन्य जगहों से महास्नान में आने और वापस जाने के दौरान जो श्रद्धालु सड़क दुर्घटना के शिकार हुए हैं, हम उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं. हमारी संवेदना परिवारजनों के प्रति है. सरकार उनके साथ खड़ी है और हरसंभव मदद करेगी. प्रश्न यह है कि इस पर राजनीति करना कितना उचित है.
हर अच्छे कार्य का विरोध करना समाजवादियों का संस्कार
सीएम ने विधानसभा सदस्य मनोज पांडेय को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने अफवाहों का उल्लेख किया. सीएम ने कहा कि काहिरा, नेपाल, झारखंड व देश की अन्य दुर्घटनाओं को महाकुंभ व झूंसी के साथ जोड़कर दुष्प्रचार करके अफवाह फैलाने का कार्य हो रहा है, ऐसा करने वाले आखिर कौन लोग थे. CM ने शायरी सुनाने के बाद नेता प्रतिपक्ष पर तंज कसा- बोला कि यह ऊर्दू नहीं, हिंदी है. जब प्रदेश की स्थानीय बोलियों को सदन में महत्व मिला तो उन्होंने विरोध किया. हर अच्छे कार्य का विरोध करना समाजवादी संस्कार है.
उन्होंने कहा कि हिंदी इस सदन की भाषा है. हिंदी को तो हटाया नहीं, बल्कि सदस्यों को छूट दी गई है कि वे इन बोलियों में बोल सकते हैं. यह थोपा नहीं गया, बल्कि सुविधा है. भोजपुरी, ब्रज, अवधी व बुंदेलखंडी की लिपि भी देवनागरी है. सभी कार्य संविधान द्वारा घोषित व्यवस्था के दायरे में हुआ है. सीएम ने तंज कसा कि आज के समाजवादियों के बारे में मान्यता है कि जिस थाली में खाते हैं, उसमें ही छेद करते हैं.
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लखनऊ से राजीव ओझा की रिपोर्ट