Manhar Kheda Fort Dispute: प्रशासन का दावा है कि अब जब कोई मामला आएगा तो फिर सभी पक्ष देखे जाएंगे. अभी केवल रिकॉर्ड मंगाया गया है, लेकिन कागजात की कोई बात नहीं हुई है.
Manhar Kheda Fort Dispute: संभल के बाद अब उत्तर प्रदेश के शामली जिले के जलालाबाद कस्बे के मनहार खेड़ा किले को लेकर राजपूत समाज के लोगों ने दावा किया है. राजपूत समाज के लोगों ने राष्ट्रीय लोकदल से थानाभवन विधायक अशरफ अली के पैतृक आवास को मनहार खेड़ा किला बताते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पुरातत्व विभाग को एक पत्र भेजा था. इसके बाद पुरातत्व विभाग को जनपद के प्रशासन ने रिपोर्ट भेज दी है.
यहां पांडवों ने काटा था अज्ञातवास
यहां पर बता दें कि जलालाबाद दरअसल शामली जिले का ही कस्बा है. यहां पर राष्ट्रीय लोकदल के थानाभवन से विधायक अशरफ अली का आवास है. पूरा आवास एक किले के अंदर बना हुआ है. इस किले पर अब विवाद हो गया है. राजपूत समाज के लोगों ने इस किले को मनहार खेड़ा किला नाम देकर दो कुछ माह पूर्व पुरातत्व विभाग और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को शिकायत की थी. इसके बाद शामली जिला प्रशासन ने रिपोर्ट पुरातत्व विभाग ने भेज दी है. शिकायतकर्ता भानु प्रताप सिंह ने बताया कि जलालाबाद पहले मनहर खेड़ा था. यहां मेरे पूर्वजों का शासन रहा है. वर्ष 1690 में जलाल खान ने इस पर कब्जा करके मेरे पूर्वजों को दावत में जहर दे दिया था. यहां पर रानियां और छोटी-छोटी बच्चियों ने जल-जौहर किया था. बूढ़े व बच्चे सब मार दिए गए थे. यह नगर महाभारत कालीन नगर है. यहां पांडवों ने अज्ञातवास में समय काटा था.
उदयभान सिंह ने भी किया था राज
बताया जाता है कि यहां आचार्य धुमय का आश्रम भी रहा है. यह किला अति प्राचीन है. यहां पर वर्ष 1350 में राजा धारु रहे. उसके बाद करमचंद राजा रहे. करमचंद के 7 बेटे हुए, जिन्होंने आसपास 12 गांव बसाए. फिर उदयभान सिंह गद्दी पर बैठे. इसके बाद उनके बेटे बिहारी सिंह, चंद्रभान सिंह, सरदार सिंह, भिक्क्न सिंह और गोपाल सिंह हुए.
एसडीएम का भी आया बयान
हामिद हुसैन (एसडीएम सदर शामली) ने बताया जाता है कि गोपाल सिंह के शासनकाल में ही जलालाबाद के उनके किले पर जलाल खान ने कब्जा कर लिया. उन्होंने दावा कि वह राजा गोपाल सिंह की 16वीं पीढ़ी के वंशज हैं. वहीं, इस मामले में एसडीएम ने बताया कि उत्तर प्रदेश पुरातत्व विभाग से एक रिपोर्ट मंगाई गई थी. नक्शा और रेवेन्यू रिकॉर्ड भेजा गया है. अभी कोई लेटर नहीं आया है. वह जमीन आबादी का नंबर है. उसमें किसी की पैतृक संपत्ति या किसी अन्य किले का दराज नहीं है.
इनपुट: पंकज मलिक
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