Kripalu Maharaj Daughter: हादसे में प्रतापगढ़ स्थित कुंडा के भक्ति धाम मनगढ़ के संस्थापक और प्रेम मंदिर के जगदगुरु कृपालु महाराज की सबसे बड़ी बेटी की मौत हो गई.
Kripalu Maharaj Daughter: उत्तर प्रदेश के नोएडा में यमुना एक्सप्रेस-वे पर बहुत दर्दनाक हादसा हो गया. एक्सप्रेस-वे पर चल रहे एक कैंटर ने आगे की दो गाड़ियों को टक्कर मार दी.
इस हादसे में उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ स्थित कुंडा के भक्ति धाम मनगढ़ के संस्थापक और मथुरा के प्रेम मंदिर के जगदगुरु कृपालु महाराज की सबसे बड़ी बेटी की मौत हो गई.
वहीं, कार में सवार दो बेटियां गंभीर रूप से घायल हो गई. बता दें कि कृपालु महाराज का निधन भी एक हादसे के कारण ही हुआ था.
दनकौर के पास हुआ था सड़क हादसा
हादसे में जगदगुरु की सबसे बड़ी बेटी डॉ. विशाखा त्रिपाठी (72) के अलावा डॉ. कृष्णा त्रिपाठी (68) और डॉ. श्यामा त्रिपाठी (66) दो गाड़ियों से शनिवार की रात मथुरा से दिल्ली जा रही थी.
पहली कार में विशाखा के साथ वृंदावन के व्यवस्थापक संजय और महिला सेवादार सवार थी. कार को संजय ही चला रहे थे. वहीं, दूसरी गाड़ी में कृष्णा और श्यामा सवार थी.
यमुना एक्सप्रेस-वे पर आगरा से आगे पहुंचते ही नोएडा के दनकौर में देर रात करीब 3:00 बजे पीछे से एक कैंटर ने उनकी गाड़ियों को ओवरटेक किया. ओवरटेक के बाद कैंटर पलट गया.
इसी बीच पीछे से आ रही विशाखा त्रिपाठी की कार कैंटर में तेजी से घुस गई. हादसे की जगह पर चीख-पुकार मच गई. आसपास के लोगों ने मौके पर पहुंच कर तत्काल राहत और बचाव कार्य शुरू किया.
हादसे की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह गाड़ी को निकाला और सभी घायलों को दिल्ली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया. अस्पताल के डॉक्टरों ने विशाखा त्रिपाठी को मृत घोषित कर दिया. फिलहाल अन्य घायलों का इलाज जारी है.
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सोमवार को वृंदावन में होगा अंतिम संस्कार
हादसे की जानकारी जैसे ही कुंडा के मनगढ़ आश्रम पहुंची, वहां पर शोक की लहर दौड़ गई. वहीं, हादसे के बाद विशाखा त्रिपाठी का शव को वृंदावन के प्रेम मंदिर लाया गया है.
फिलहाल शव को अनुयायियों के दर्शन रखा गया है. साथ ही पूरे मनगढ़ में तीन दिन का शोक भी रखा गया है. जगद्गुरु कृपालु परिषत् के शोक संदेश के मुताबिक वृंदावन में यमुना नदी के तट पर सोमवार को शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा.
विशाखा त्रिपाठी वृंदावन के प्रेम मंदिर और प्रतापगढ़ के मनगढ़ धाम के अध्यक्ष नियुक्त की गई थी. बता दें कि कृपालु महाराज का भी निधन 15 साल पहले एक हादसे में हुआ था.
आश्रम में पैर फिसलने के कारण उनके सिर चोट आई थी. चोट के कारण वह कोमा में चले गए थे. बाद में गुड़गांव के एक निजी अस्पताल में उनका निधन हो गया था.
गौरतलब है कि देश में कई जगद्गुरु बने हैं, लेकिन जगद्गुरुत्तम की उपाधि केवल कृपालु महाराज को ही मिली थी. जगद्गुरु कृपालु परिषद ट्रस्ट की संपत्ति उत्तर प्रदेश के साथ-साथ अमेरिका तक फैली हुई है.
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