Darul Uloom Deoband : दुनिया भर में मशहूर इस्लाम की शिक्षा के लिए दारुल उलूम देवबंद संस्थान ने महिलाओं की एंट्री से प्रतिबंध हटा लिया है. लेकिन कई कड़े नियमों को फॉलो करने के बाद ही प्रवेश मिल सकता है.
09 November, 2024
Darul Uloom Deoband : दुनिया में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद ने शुक्रवार को महिलाओं के प्रवेश से प्रतिबंध हटा लिया है. अब महिलाओं को कई कड़े नियमों को पालन करने के बाद एंट्री मिल जाएगी. देवबंद की तरफ से जारी नियमों के तहत एंट्री करने से पहले महिलाओं को हिजाब पहनना होगा और परिसर में प्रवेश करने के लिए उन्हें अपने परिवार के किसी सदस्य के साथ आना होगा. इस्लामी एजुकेशन इंस्टीट्यूट के प्रबंधन ने इस साल की शुरुआत में परिसर के अंदर ‘रील’ शूट किए जाने की शिकायतों के बाद महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध हटा दिया था.
कई दौर की बातचीत के बाद लिया फैसला
संस्थान ने आगे कहा कि परिसर के अंदर वीडियोग्राफी पूरी से प्रतिबंधित रहेगी और सुरक्षागार्ड को प्रवेश करने से पहले अपने फोन गेट पर जमा करना होगा. दारुल उलूम के मीडिया प्रभारी अशरफ उस्मानी ने शनिवार को कहा कि कई दौर की बातचीत करने के बाद मैनेजमेंट ने दुनिया भर से आने वाली महिलाओं के प्रवेश के लिए नियम जारी किए हैं. मीडिया प्रभारी ने कहा कि नए नियम लागू होने के बाद अब महिलाएं कई शर्तों के तहत दारुल उलूम में एंट्री कर सकती हैं. उस्मानी ने आगे कहा कि दारुल उलूम प्रबंधन ने एक विजिटर पास जारी करने के बाद एक अधिकारी को नियुक्त किया है जो परिसर में महिला और पुरुष दोनों के लिए समान कार्ड लागू होंगे.
17 मई को महिलाओं की एंट्री पर लगा प्रतिबंध
विजिटर कार्ड के लिए किसी भी शख्स को आधार कार्ड, आईडी कार्ड यान पैन कार्ड दिखाना अनिवार्य होगा. इसके अलावा महिलाओं को हिजाब पहनने के साथ सूर्यास्त तक ही संस्थान में प्रवेश मिलेगा. उस्मानी ने कहा कि मदरसों में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति का मोबाइल फोन एंट्री करने के दौरान जमा करना होगा. इसके बाद जब वह देबवंद से जाएंगे तो उन्हें वापिस कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि विजिटर पास की वैलिडिटी की 2 घंटे होगी और सूर्यास्त के बाद उसकी वैधता तुरंत खत्म हो जाएगी. बता दें कि दारुल उलूम मैनेजमेंट ने 17 मई को महिलाओं के प्रवेश पर उस वक्त प्रतिबंध हटा दिया था जब शिकायत मिली थी कि बिना परदे वाली महिलाएं परदे वाली महिलाएं संस्था की इमारतों की तस्वीरें और वीडियो बना रही हैं.
यह भी पढ़ें- महाराष्ट्र चुनाव में 288 सीटों में से 29 पर ‘सहयोगी दलों’ का मुकाबला, क्या MVA के लिए बनेगी चुनौती?