Home Latest CM योगी गंभीर: हादसे में नहीं जाएगी किसी घायल की जान, एक्सप्रेस-वे किनारे बनेंगे अस्पताल व मिलेगा इलाज

CM योगी गंभीर: हादसे में नहीं जाएगी किसी घायल की जान, एक्सप्रेस-वे किनारे बनेंगे अस्पताल व मिलेगा इलाज

by Sanjay Kumar Srivastava
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प्रदेश में सड़क मार्ग से लोग अपने गंतव्य तक सुरक्षित और सकुशल पहुंचे, इसके लिए योगी सरकार गंभीर है. CM योगी का मानना है कि एक्सप्रेस-वे पर किसी भी आकस्मिक दुर्घटना की स्थिति में चिकित्सा सुविधा मिल जाए तो लोगों की जान बचाई जा सकती है.

LUCKNOW: प्रदेश में सड़क मार्ग से लोग अपने गंतव्य तक सुरक्षित और सकुशल पहुंचे, इसके लिए योगी सरकार गंभीर है. CM योगी का मानना है कि एक्सप्रेस-वे पर किसी भी आकस्मिक दुर्घटना की स्थिति में चिकित्सा सुविधा मिल जाए तो लोगों की जान बचाई जा सकती है और परिवार बिखरने से बच सकता है. मुख्यमंत्री ने प्रदेश में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाने की भी बात कही.उन्होंने कहा कि फूड प्लाजा की तरह प्रदेश कर सभी एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ अस्पताल की व्यवस्था की जाए.

इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को उत्तर प्रदेश राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक ली. सड़क हादसों के वार्षिक आंकड़ों पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2024 में 46052 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं. इसमें 34600 लोग घायल हुए हैं, जबकि 24 हजार से अधिक मौत हुई है, जो कि अत्यंत दुखद है. इसे हर हाल में न्यूनतम करना होगा. उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा से जुड़े सभी संबंधित विभाग आपसी समन्वय बनाकर सामूहिक प्रयासों के माध्यम से सड़क दुर्घटनाओं को नियंत्रित करें. साथ ही प्रदेश के सभी मार्गों पर ब्लैक स्पॉट को चिन्हित कर उन्हें ठीक कराएं.

इलाज के लिए ट्रामा सेंटर, एंबुलेंस एवं ट्रेंड स्टाफ हर वक्त रहे तैयार

मुख्यमंत्री ने सड़क दुर्घटना में घायल हुए लोगों के उपचार के विषय में चिंता करते हुए कहा कि सभी एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ फूड प्लाजा की तरह अस्पताल की व्यवस्था करें. साथ ही सभी मंडल मुख्यालयों के अस्पतालों में ट्रामा सेंटर, एंबुलेंस एवं ट्रेंड की स्टाफ को तैनाती भी सुनिश्चित की जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2024 में प्रदेश के 75 जनपदों हुई दुर्घटनाओं में सबसे ज्यादा 20 जनपदों- हरदोई, मथुरा, आगरा, लखनऊ, बुलन्दशहर, कानपुर नगर, प्रयागराज, सीतापुर, उन्नाव, बाराबंकी, लखीमपुर खीरी, बरेली, अलीगढ़, गौतमबुद्धनगर, शाहजहांपुर, गोरखपुर, कुशीनगर, बदायूं, मेरठ और बिजनौर में जनहानि हुई है.

कहा कि प्रदेश में कुल हुई दुर्घटना मृत्यु में 42 प्रतिशत इन जनपदों से है. उन्होंने इसको नियंत्रित करने के लिए दुर्घटना के कारकों को खोजने एवं लोगों में सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ाने का निर्देश दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए यह आवश्यक है कि जनपद स्तर पर प्रत्येक माह एवं मंडल स्तर पर त्रैमासिक मंडलीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक अनिवार्य रूप से हो. उन्होंने कहा कि प्रदेश के छह मंडलों अयोध्या, प्रयागराज, वाराणसी, आजमगढ़, सहारनपुर एवं आगरा मंडल में पिछले वर्ष हुई सिर्फ एक ही बैठक हुई है, जिसे बढ़ाने की आवश्यकता है. बस्ती, लखनऊ, गोरखपुर और मिर्जापुर में हुई चार बैठकों पर उन्होंने संतोष व्यक्त किया.

अफसरों से कहा- सड़क सुरक्षा को लेकर फैलाएं जागरूकता

मुख्यमंत्री ने वर्ष 2024 में जिला सड़क सुरक्षा समिति की कम बैठक करने वाले जनपदों बलरामपुर, फिरोजाबाद, गोंडा, चंदौली, व जौनपुर को निर्देशित करते हुए कहा कि इन जनपदों में इसी सप्ताह बैठक हो जानी चाहिए. उन्होंने 10 या उससे अधिक बैठक करने वाले 38 जनपदों को निर्देशित करते हुए कहा कि शासन द्वारा जारी एसओपी के आधार पर ये जनपद भी जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक आयोजित करें. मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि ओवर स्पीडिंग, ड्रंकन ड्राइव, गलत साइड पर गाड़ी चलाना, जंपिंग रेड लाइट एवं मोबाइल फोन का उपयोग सड़क दुर्घटना घटित होने के मुख्य कारक हैं. इसके लिए लोगों में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है.

उन्होंने कहा कि बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों के पाठ्यक्रम में ट्रैफिक के नियमों को जोड़ा जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि एक्सप्रेस-वे एवं हाइवे के किनारे शराब की दुकानें बिल्कुल न हो. सीएम योगी ने कहा कि ट्रासंपोर्ट एसोसिएशन एवं व्हीकल एसोसिएशन से संवाद स्थापित कर यह सुनिश्चित कराएं कि लंबी दूरी के वाहनों पर दो ड्राइवर हों. सीएम योगी ने कहा कि एक्सप्रेस-वे एवं हाइवे पर क्रेन, पेट्रोलिंग वाहन और एंबुलेंस की संख्या बढ़ाएं. सीएम योगी ने कहा कि नगरीय क्षेत्रों में यह देखने को मिलता है नाबालिक बच्चे ई रिक्शा चला रहे हैं. इस पर प्रभावी अंकुश लगाएं.

अस्पतालों, स्कूलों एवं मुख्य बाजारों के बाहर टेबल टॉप स्पीड ब्रेकर पर जोर

सीएम योगी ने कहा कि सड़क जाम एक बड़ी समस्या बनती जा रही है, ट्रैफिक के सुचारु संचालन के लिए प्रदेश में प्रयाप्त मैनपॉवर उपलब्ध है. आवश्यकता पड़ने पर सिविल पुलिस, पीआरडी और होमगार्ड के जवानों को ट्रेनिंग देकर ट्रैफिक प्रबंधन को बेहतर बनाएं। उन्होंने कहा कि अस्पतालों, स्कूलों एवं मुख्य बाजारों के बाहर टेबल टॉप स्पीड ब्रेकर का निर्माण कराए. बैठक में संबंधित विभागों के मंत्री, शासन स्तर के अधिकारी, सभी मंडलों के मंडलायुक्त, सभी जनपदों के जिलाधिकारी, पुलिस कमिश्नर एवं पुलिस अधीक्षक मौजूद रहे.

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लखनऊ से राजीव ओझा की रिपोर्ट

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