Home RegionalUttar Pradesh IIT में सिलेक्ट हुआ मुजफ्फरनगर का लाल, 18 घंटे की पढ़ाई; खाना खाने और सोने के लिए ही लेता था ब्रेक

IIT में सिलेक्ट हुआ मुजफ्फरनगर का लाल, 18 घंटे की पढ़ाई; खाना खाने और सोने के लिए ही लेता था ब्रेक

by Nishant Pandey
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IIT में सिलेक्ट हुआ मुजफ्फरनगर का लाल- Live Times

Muzaffarnagar News: मुजफ्फरनगर के टिटोरा गांव के रहने वाले अतुल कुमार ने कड़ी मेहनत करके IIT की प्रवेश परीक्षा को पास कर लिया. वह इस परीक्षा को पास करने के लिए रोजाना 18 घंटे पढ़ाई करते थे.

2 October, 2024

Muzaffarnagar News: मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) के टिटोरा गांव के रहने वाले अतुल कुमार (Atul Kumar) ने कमाल कर दिया. उन्होंने अपनी मेहनत के दम से सबसे कठिन परीक्षा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) को दूसरे ही प्रयास में पास कर लिया. उन्होंने इस परीक्षा को पास करने के लिए कड़ी मेहनत की. अतुल इस परीक्षा को पास करने के लिए रोजाना 18 घंटे पढ़ाई करते थे. वह सिर्फ खाना खाने और सोने के लिए ही अपनी पढ़ाई से ब्रेक लेते थे. अतुल ने समाचार एजेंसी PTI से बात करते हुए कहा कि अगर आपको लगता है कि IIT की प्रवेश परीक्षा कठिन है, तो यह वास्तव में कठिन है, लेकिन अगर आप इसे आसान परीक्षा मानते हैं, तो यह आसान है.

फीस जमा न कर पाने से खो दी थी सीट

बता दें कि अतुल एक गरीब परिवार से आते हैं. उनके पिता दिहाड़ी मजदूर हैं. अतुल ने कहा कि वह IIT-धनबाद में दाखिला लेने के लिए अपनी फीस जमा करने की समयसीमा से चूक गए थे. इसलिए उन्होंने अपनी सीट खो दी थी. अतुल के पिता राजेंद्र कुमार ने कहा कि मैंने अपने पिता की 1.5 बीघा जमीन बेचने का लगभग मन बना लिया था. उन्होंने कहा कि मैं मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को धन्यवाद देना चाहता हूं और अपने वकील को भी धन्यवाद देना चाहता हूं. जिनकी वजह से मेरे बेटे को दाखिला लेने का मौका मिला. दरअसल, अतुल को दूसरा मौका तब मिला जब सुप्रीम कोर्ट ने IIT-धनबाद से उन्हें बीटेक कोर्स में दाखिला देने को कहा. मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि हम ऐसे युवा प्रतिभाशाली लड़के को जाने नहीं दे सकते. उसे अधर में नहीं छोड़ा जा सकता.

इंजीनियर बनने का बचपन से था सपना

अतुल ने कहा कि इंजीनियर बनने का सपना मेरा बचपन से था. उन्होंने कहा कि वह नौवीं कक्षा से ही इंजीनियर बनने का सपना देख रहे हैं. अतुल ने कहा कि इस परीक्षा की तैयारी के लिए उन्होंने पहले कानपुर में 11 महीने तक कोचिंग ली. कोचिंग संस्थान में पहले बुनियादी स्तर से शुरुआत की और फिर धीरे-धीरे परीक्षा की तैयारी तेज कर दी. अतुल डॉ बीआर अंबेडकर को अपना आदर्श मानते हैं. अतुल की इस सफलता पर पूरा गांव खुशी से झूम रहा है.

यह भी पढ़ें: राजस्थान-MP के कई रेलवे स्टेशनों को बम से उड़ाने की धमकी, जैश-ए-मोहम्मद के नाम से मिला पत्र

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