Home Latest ‘शिव-पार्वती को ले जाएंगे ताजमहल’, शाहजहां के उर्स पर भड़की हिन्दू महासभा, किया ‘तांडव’

‘शिव-पार्वती को ले जाएंगे ताजमहल’, शाहजहां के उर्स पर भड़की हिन्दू महासभा, किया ‘तांडव’

by Divyansh Sharma
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Agra Taj Mahal Shah Jahan Urs: मुगल बादशाह शाहजहां के सलाना उर्स को लेकर विवाद छिड़ गया है. हिन्दू महासभा ने अनोखा विरोध प्रदर्शन किया है.

Agra Taj Mahal Shah Jahan Urs: उत्तर प्रदेश में इन दिनों कई मंदिर और मस्जिद को लेकर विवाद जारी है. इस बीच आगरा में ताजमहल के अंदर ताजमहल को बनाने वाले मुगल बादशाह शाहजहां के सलाना उर्स को लेकर विवाद छिड़ गया है. दरअसल, हिन्दू महासभा ने सोमवार को शाहजहां के उर्स को लेकर अनोखा विरोध प्रदर्शन किया है. हिन्दू महासभा ने पुरातत्व विभाग के गेट पर बताया कि ताजमहल वास्तव में तेजो महालय है.

ताजमहल में उर्स और चादर पोशी गैरकानूनी

बता दें कि अखिल भारत हिन्दू महासभा के पदाधिकारियों ने सोमवार को शिव-पार्वती अवतार के साथ पुरातत्व विभाग के गेट पर अनोखा प्रदर्शन किया. 26, 27 और 28 जनवरी को ताजमहल के अंदर हो रहे उर्स के विरोध में वह एक कार्यकर्ता को शिव के रूप में बनाकर लाए थे. प्रदर्शन के दौरान शिव का वेष धारण किए व्यक्ति ने शिव तांडव भी किया.

वहीं, कार्यकर्ताओं ने ढोल-मंजीरे बजा कर शिव चालीसा का पाठ भी किया. हिन्दू महासभा के कार्यकर्ताओं ने कहा कि अगर हमारी सुनवाई नहीं हुई, तो हम शिव-पार्वती को ताजमहल लेकर जाएंगे और ताजमहल के अंदर शिव तांडव कराया जाएगा. हिन्दू महासभा के जिला अध्यक्ष सौरभ शर्मा ने कहा कि ताजमहल में जारी उर्स और चादर पोशी गैरकानूनी है.

कब और कैसे हो रहा उर्स का आयोजन?

  • पहले दिन: उर्स की रस्मों की शुरुआत.
  • दूसरे दिन: कई धार्मिक अनुष्ठान हुए.
  • तीसरे दिन: अंतिम दिन 1,640 मीटर लंबा चादरपोशी का आयोजन.

यह भी पढ़ें: Places of Worship Act: इतिहास के पन्नों में दबे हैं कितने सच? जानें मंदिर-मस्जिद विवाद की पूरी रिपोर्ट

ताजमहल की तरफ कूच करेगी हिन्दू महासभा

साथ ही उन्होंने कहा कि हमारे दिए हुए ज्ञापन पर अगर कार्रवाई नहीं हुई तो हिन्दू महासभा ताजमहल की तरफ कूच करेगी और जो नुकसान होगा उसकी जिम्मेदारी पुरातत्व विभाग की ही होगी. बता दें कि इस साल शाहजहां के 370वें उर्स का आयोजन 26, 27 और 28 जनवरी को ताजमहल के अंदर मनाया जा रहा है. इस उर्स में हर साल की तरह ASI अधिकारियों और स्थानीय समिति के सदस्य इन रस्मों में हिस्सा ले रहे हैं.

बता दें कि हिन्दू महासभा के कार्यकर्ता ताजमहल को तेजो महालय मानते हैं. साथ ही सलाना उर्स जैसे आयोजनों का विरोध करते रहे हैं. हिन्दू महासभा के कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह स्थल उनके धार्मिक मान्यताओं से जुड़ा है और इसे किसी भी तरह से मुगल इतिहास के साथ जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए. शुक्रवार को भी इस मामले में विरोध प्रदर्शन देखने को मिला था.

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