Yamuna River: ताजमहल की नगरी आगरा, जहां दुनिया भर से सैलानी आते हैं, वहां यमुना पूरी तरह सूखने के कगार पर पहुंच चुकी है. इसे लेकर लोगों में खासी नराजगी है.
18 June, 2024
Agra People Bath Sand: आगरा में यमुना नदी का घटता जलस्तर आने वाले जल संकट की ओर इशारा कर रहा है. इस पर दोहरी मार साबित हो रही है शासन-प्रशासन की अनदेखी. इससे लोगों में नाराजगी है. आगरा के लोगों के एक ग्रुप ने यमुना नदी के तट पर रेत से नहाकर अनोखा विरोध प्रदर्शन किया. लोगों का कहना है कि वे लोगों को जागरुक करने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि वो नदी को प्रदूषित करने से बचें. साथ ही उनके प्ररदर्शन से सरकारी अधिकारियों के भी आंख कान खुले.
गंगा दशहरा पर बड़ा संदेश
देशबर में 12 जून को गंगा दशहरा पर्व मनाया गया था. उस दौरान ताजनगरी आगरा में लोगों के समूह ने जल की बजाय रेत से स्नान किया. आगरा के एक निवासी ने कहा, कि ‘बिन पानी के कैसे करें स्नान, इसे एक धरना समझ लो. आगरा के लिए, प्रशासन के लिए. सरकार से हमारी एक मांग है. हम किसी से लड़ाई नहीं कर रहे, हमें किसी से बैर नहीं है. हमारी युमना को प्रदूषित होने से बचा लीजिए.’
एक और निवासी बृज खंडेलवाल ने कहा कि, ‘नदी को जिंदा रखता है, यमुना यहां सूखी पड़ी है, उसी को लेकर हम लोग चिंतित है और कोशिश कर रहे हैं कि कैसे भी सरकार हमारी सुने.
लोगों का ये ग्रुप रिवर कनेक्ट कैंपेन से जुड़ा है, जो यमुना नदी में पानी की कमी और बढ़ते प्रदूषण को लेकर लोगों को जागरुक करता है.
सरकार से यमुना नदी को बचाने की मांग
प्रदर्शन का सपोर्ट करते हुए ‘यमुना आरती’ के महंत ने कहा, ‘हम आज बहुत दुखी हैं क्योंकि गंगा दहशरा के पर्व पर यमुना नदी में स्नान करने आए तो देखा कि यहां पानी नहीं है. बल्कि चारों तरफ खाली मैदान पड़ा है. नदी नाले गिर रहे है, यमुना नदी में पानी तो बचा ही नहीं है, यमुना नदी मर रही है. हम सरकार से मांग करते है कि यमुना नदी को बचा लो.’
महंत ने यमुना में पानी की कमी पर चिंता जताते हुए ये भी कहा कि, ‘जब यमुना मईया में पानी नहीं होगा तो क्या करेंगे इसलिए हमने सोचा पानी न सही यमुना नदी के रेत से ही स्नान कर लिया जाए. हमारे ब्रज में यमुना के रेत को रज कहा जाता है और यह यमुना मईया की गोद जैसा है. सरकार जागे और यमुना नदी को बचाए.’