Dwarka Expressway : देश के पहले एलिवेटेड एक्सप्रेसवे के बनने की कहानी बेहद ही रोचक है, एक्सप्रेस-वे को बनाने में लगभग 2 लाख मिट्रिक टन स्टील का इस्तेमाल हुआ है आपको जानकर हैरानी होगी कि ये पैरिस में बने एफिल टॉवर से 30 गुना ज्यादा है ।
11 March 2024
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को देश के पहले एलिवेटेड एक्सप्रेस-वे द्वारका एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन किया। इसके बाद अब केवल 20 मिनट में ही आप मानेसर (गुरुग्राम) से दिल्ली के द्वारका तक पहुंच पाएंगे। पहले लोगों को एक घंटे से भी अधिक का समय लगता है। देश के पहले एलिवेटेड एक्सप्रेसवे बनने की कहानी बेहद ही रोचक है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से इस द्वारका एक्सप्रेस के निर्माण का अनुरोध किया था। यहां पर हम बता रहे हैं कि इसके बनने की कहानी से लेकर इसके फायदे क्या हैं।
नितिन गड़करी लागत सुनकर हो गए थे हैरान
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से सबसे पहले यही पूछा था कि इसकी लागत कितनी आएगी तो मुख्यमंत्री ने कहा था कि 100 से 200 करोड़ रुपये। जिसके बाद नितिन गडकरी ने इसके लिए हामी भर दी थी। वहीं, जब नितिन गडकरी अपने दफ्तर पहुंचे तो अधिकारियों ने बताया कि इस प्रोजेक्ट को बनाने में कम से कम सात हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसके बाद नितिन गडकरी हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पास पहुंचे और कहा कि आपने तो 100 से 200 करोड़ रुपये की बात की थी, लेकिन इसकी लागत तो काफी ज्यादा है। इसके जवाब में मनोहर लाल ने कहा कि अब तो आपने जनता से वादा किया है तो देख लीजिये क्या करना है। इसके जवाब में नितिन गडकरी ने कहा था कि चाहे अब जितनी लागत आए द्वारका एक्सप्रेस-वे बनकर ही रहेगा। बता दें कि मनोहर लाल ने यह किस्सा अपने गुरुग्राम संसदीय क्षेत्र के दौरे के दौरान नूंह-गुरुग्राम में लोगों को बताया था।
देश का पहला एलिवेटेड एक्सप्रेस-वे
यहां पर बता दें कि द्वारका एक्सप्रेस-वे देश का पहला एलिवेटेड एक्सप्रेस-वे है, जिसकी कुल लागत 5269 करोड़ रुपये है। इसकी लंबाई 29 किलोमीटर है। वैसे एक्सप्रेस-वे की सभी लेन को जोड़ दिया जाए तो द्वारका एक्सप्रेस-वे 563 किलोमीटर लंबा है। इसकी खास बात यह है कि सिंगल पिलर पर बना है। इसमें देश की पहली 3.6 किलोमीटर लंबी 8 लेन चौड़ी अर्बन टनल भी शामिल है। इसके साथ ही देश का पहला चार स्तरीय इंटरचेंज 2 जगहों पर बनाया गया है और प्रमुख इंटरचेंज एलिवेटेड सर्विस रोड से जुड़े हुए हैं ।
तीन-तीन लेन सर्विस रोड हैं
द्वारका एक्सप्रेस-वे बनने से लोगों को अब जाम से निजात मिल जाएगा क्योंकि सर्विस लेन पर ही एंट्री पॉइंट बनाया गया है । इसके अलावा एक्सप्रेस-वे के दोनों ही तरफ एक या दो नहीं बल्कि तीन-तीन लेन सर्विस रोड हैं। एक्सप्रेस-वे की लंबाई 192 किलोमीटर है, वहीं, 34 अंडरपास, 31 सुरंग और 12 रोड ओवरब्रिज बनाया गया है । द्वारका एक्सप्रेस-वे एनएच 8 पर शिव मूर्ति से शुरू होकर खेड़की दौला टोल प्लाजा तक जाता है ।
एफिल टॉवर से 30 गुना ज्यादा लगा है स्टील
वहीं, द्वारका एक्सप्रेस-वे को बनाते समय पर्यावरण का भी ख्याल रखा गया है । 1200 पेड़ों का रिप्लांटेशन किया गया है ताकि पर्यावरण को कोई भी नुकसान ना हो। एक्सप्रेस-वे को बनाने में लगभग 2 लाख मिट्रिक टन स्टील का इस्तेमाल हुआ है आपको जानकर हैरानी होगी कि ये पैरिस में बने एफिल टॉवर से 30 गुना ज्यादा है । एक्सप्रेस-वे को बनाने में 20 लाख क्यूबिक सीमेंट का इस्तेमाल हुआ है, जो कि दुबई में बने बुर्ज खलीफा में प्रयोग किए गए सीमेंट से 6 गुना ज्यादा है।
20 मिनट में ही पहुंच जाएंगे द्वारका
द्वारका एक्सप्रेस-वे से लोगों को अब काफी ज्यादा सुविधा मिलेगी । केवल 20 मिनट में ही आप मानेसर से दिल्ली के द्वारका तक पहुंच पाएंगे, फिलहाल लोगों को एक घंटे से भी अधिक का समय लगता है और अगर कभी जाम में फंस गए तो दो घंटे से भी अधिक समय लग जाता है । इसके अलावा दिल्ली के जनकपुरी, प्रीतमपुरा एवं रोहिणी इलाके में भी कम से कम समय में पहुंचा जा सकेगा। जिससे ना केवल लोगों के समय की बचत होगी बल्कि ईंधन की भी भारी बचत होगी । लोगों को ट्रैफिक जाम से छुटकारा मिलेगा ।