Jammu Kashmir News: PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती समेत जम्मू-कश्मीर के कई नेताओं ने शनिवार को बड़ा दावा किया. आरोप है पुलिस ने उन्हें घर में नजरबंद कर दिया है.
13 July, 2024
Jammu Kashmir News: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती समेत जम्मू-कश्मीर के कई नेताओं ने शनिवार को हैरान कर देने वाला दावा किया. उन्होंने कहा कि पुलिस के अधिकारियों ने उन्हें घर में नजरबंद कर दिया है, ताकि वे 1931 में इसी दिन डोगरा शासक की सेना की ओर से मारे गए 22 कश्मीरियों को श्रद्धांजलि देने के लिए शहीदों की कब्रगाह पर न जा सकें. उधर, नेताओं के किए गए दावों पर अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
खिमबर में किया गया नजरबंद
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि उन्हें शहर के बाहरी इलाके खिमबर में उनके घर में नजरबंद कर दिया गया है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल ‘X’ पर एक पोस्ट में कहा- ‘मेरे घर के दरवाजे एक बार फिर बंद कर दिए गए हैं ताकि मैं मज़ार-ए-शुहादा न जा सकूं.’
पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष भी हुए नजरबंद
पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (PC) के अध्यक्ष सज्जाद लोन ने भी दावा किया कि उन्हें नजरबंद कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि मैं वास्तव में यह समझने में विफल हूं कि लोगों को शहीदों की कब्रगाह में जाने से रोकने से प्रशासन को क्या फायदा होता है. सज्जाद लोन ने कहा कि लोगों को अपने नायकों को चुनने का अधिकार है. शहीद कश्मीर के लोगों के नायक हैं.
नासिर असलम वानी भी हैं नजरबंद
नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के प्रांतीय अध्यक्ष नासिर असलम वानी के आवास का गेट भी पुलिस ने बंद कर दिया है. नासिर असलम वानी ने कहा कि शहीदों की कब्रों पर श्रद्धांजलि देने से हमें रोकने के लिए गेट बंद कर दिया गया है. मेरे घर पर पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है. मुझे समझ नहीं आता कि ऐसा क्यों किया गया. हम हमेशा शहीदों के बलिदानों को याद रखेंगे.
सलमान सागर ने बंद गेटों की साझा की तस्वीरें
नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी के युवा शाखा के अध्यक्ष सलमान सागर ने कहा कि प्रशासन उनकी राजनीतिक गतिविधियों पर भी प्रतिबंध लगा रहा है. सलमान सागर ने अपने आवास के बंद गेटों की तस्वीरें और वीडियो पोस्ट कर नजरबंद करने का दावा किया. उन्होंने कहा कि मुझे घर में नजरबंद कर दिया गया है.
13 जुलाई को मनाया जाता है शहीद दिवस
13 जुलाई, 1931 में राजा हरि सिंह के कथित निरंकुश शासन का विरोध कर रहे 22 मुस्लिम कश्मीरियों पर डोगरा सेना ने गोली चला दी थी. तब से हर साल इस दिन शहीदों की कब्रिस्तान पर कश्मीरी पहुंचते हैं और श्रद्धांजलि देते हैं. 2019 के बाद से शहीदों के कब्रगाह पर कश्मीरी नेताओं को जाने से रोका जाता रहा है.