Pune Koyta Gang: अजित पवार ने कहा कि सारी सुविधाएं देने के बाद भी पुलिस इन अपराधों पर लगाम लगाने में असमर्थ है, तो वरिष्ठ अधिकारियों में कहीं न कहीं कमी है.
Pune Koyta Gang: महाराष्ट्र के दूसरे सबसे बड़े शहर पुणे में कोयता गैंग की दहशत कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है. कोयता गैंग के आतंक से महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार भी परेशान हो गए हैं. इसके साथ ही उन्होंने कोयता गैंग पर नकेल कसने में नाकाम होने वाली पुणे पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा दिए हैं. उन्होंने कहा है कि पुलिस के काम में कोई राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं है, फिर भी वह लगाम लगाने में असमर्थ हैं. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि कोयता गैंग है क्या.
अजित पवार ने पुलिस पर उठाए सवाल
पुणे जिले की बारामती सीट से विधायक अजित पवार ने गुरुवार को कहा कि बेसिक इन्फ्रास्ट्रक्चर, आवास नए कार्यालय और लोग देने के बाद भी पुलिस इन अपराधों पर लगाम लगाने में असमर्थ है, तो इससे पता चलता है कि पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों में कहीं न कहीं कमी है. अगर वह इस स्थिति से निपटने में सक्षम नहीं हैं, तो उन्हें यह स्वीकार करना चाहिए और हम अपराध को नियंत्रित करने के लिए बेहतर अधिकारी लाएंगे.
पुण्यातील येरवडा येथील घटना बघता “सावधान पुण्यात सरकार पुरस्कृत कोयता गँग सक्रिय आहे. लाडक्या बहिणींनी स्वतःची सुरक्षा स्वतःच करावी” असे म्हणावे लागेल.
— Rohit Pawar (@RRPSpeaks) January 9, 2025
‘कडक कारवाई करू,कोणाला सोडणार नाही’ असले बोलबच्चन देणारे सरकार कोयता गँगवर कारवाई करणार आहे आहे की नाही? pic.twitter.com/r2YdTuj5M8
उन्होंने यह भी साफ किया कि पुलिस के काम में किसी तरह का राजनीतिक हस्तक्षेप भी नहीं है. दरअसल, महाराष्ट्र का दूसरा सबसे बड़ा शहर पुणे अक्सर कोयता गैंग की वजह से चर्चाओं में रहता है. अपराधी गैंगवार और आपसी रंजिश में हंसिया या दरांती जैसे लंबे ब्लेड वाले हथियारों से अपने विरोधियों और लोगों पर हमला करते हैं. इसे लेकर प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं. साथ ही पुलिस ने भी इन अपराधियों को खत्म करने के लिए कई अभियान चला रखे हैं. फिर इस तरह के अपराधों में कमी नहीं आ रही है.
यह भी पढ़ें: Chhattisgarh: न भूलेंगे और न छोड़ेंगे, 8 जवानों की शहादत का बदला; मुठभेड़ में 3 नक्सली ढेर
15 से 20 सालों में पनपा कोयता गैंग
पुणे को कभी महाराष्ट्र का ऑक्सफोर्ड कहा जाता था, लेकिन कोयता गैंग के अपराधियों ने इस शहर को बदनाम कर दिया है. दरअसल, पुणे में कोई ऐसा दिन नहीं गुजरता, जब कोयता गैंग के अपराध की खबर नहीं आती. पुणे में कोयता गैंग का इतिहास ज्यादा पुराना नहीं है. यह गैंग पिछले 15 से 20 सालों में पुणे और उसके आसपास के इलाकों में पनपा है. कभी माना जाता था कि फिल्मों में हीरो या विलेन कोयता लेकर अपनी काबिलियत साबित करते थे, ऐसे में कई शहरों में इस तरह की वारदातें बढ़ने लगी.
हमले में इस्तेमाल किए जाने वाला कोयता पुणे और आसपास के इलाकों में आसानी से उपलब्ध है और 500 से 600 रुपये में मिल जाता है. इसलिए कोयता अपराधियों के बीच लोकप्रिय होता चला गया. अब यही गैंग पुलिस के लिए मुश्किलों का सबब बन चुका है. इस तरह के अपराधों में नाबालिग भी शामिल होते हैं, जिन पर कठोर कार्रवाई संभव नहीं है. इनके कई पुणे में सक्रिय हैं और यह गैंग मिलकर गैरकानूनी काम करते हैं. इसमें रंगदारी और हत्या करना शामिल है.
यह भी पढ़ें: संभल में हुए 1978 के दंगों की नए सिरे से होगी जांच?अफवाहों के बीच सामने आई सच्चाई
Follow Us On: Facebook | X | LinkedIn | YouTube | Instagram