Maharashtra Election: महाराष्ट्र में 20 नवंबर को मतदान होगा. ऐसे में शरद पवार के पक्ष में फैसला आया, तो अजीत पवार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
Maharashtra Election: महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी दलों की तैयारियों के बीच बड़ी जानकारी सामने आ रही है. दरअसल, शरद पवार की अगुवाई वाली NCP यानी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार (24 अक्टूबर) को सुनवाई होने वाली है, जिसमें उन्होंने अजीत पवार के अगुवाई वाली NCP की ओर से चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ के इस्तेमाल पर एतराज जताया है.
लोकसभा चुनाव के दौरान भी हुआ था विवाद
दरअसल, साल 2023 के जुलाई महीने में अजीत पवार ने अपने चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत कर दी. वह 40 विधायकों को अपने साथ लेकर सत्तासीन महायुति गठबंधन में शामिल हो गए. इसके बाद चाचा भतीजे के बीच असली पार्टी और पार्टी के चुनाव चिह्न को लेकर विवाद बढ़ गया. दोनों धड़ों के विवाद को लेकर भारतीय चुनाव आयोग ने अजीत गुट वाले NCP को असली बता दिया और इसके साथ ही पार्टी का असली चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ अजीत पवार को आवंटित कर दिया गया.
भारतीय चुनाव आयोग ने इसी साल फरवरी के महीने में यह फैसला सुनाया था. इस फैसले पर शरद पवार ने एतराज जताया था. इसके बाद चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ उन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. याचिका में कहा गया कि अजीत पवार की पार्टी को लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ का इस्तेमाल न करने दिया जाए.
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बढ़ सकती हैं अजीत पवार की मुश्किलें
इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अजीत पवार चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ का इस्तेमाल कर सकते हैं. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए एक शर्त भी रखी थी, जिसमें कहा गया था कि अजीत पवार की पार्टी लोकसभा चुनाव में डिस्क्लेमर (चुनाव चिह्न का मामला कोर्ट में विचाराधीन है) लगाकर प्रचार करेगी. इसके बाद 25 सितंबर को शरद पवार ने एक अन्य याचिका दाखिल की थी. अब इस पर गुरुवार को सुनवाई होगी.
वहीं, अजीत पवार की अगुवाई वाले गुट का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील ने कहा है कि पार्टी के कुछ उम्मीदवार पहले ही विधानसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल कर चुके हैं. बता दें कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 29 अक्टूबर है और 20 नवंबर को एक ही चरण में मतदान होगा. ऐसे में मतदान से पहले शरद पवार के पक्ष में फैसला आया, तो अजीत पवार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
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