Maharashtra Election 2024 : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बीच बिटकॉइन को लेकर तेजी से विवाद बढ़ता जा रहा है. BJP ने सुप्रिया सुले और नाना पटोले पर चुनाव में बिटकॉइन के इस्तेमाल का आरोप लगाया है.
20 November, 2024
Maharashtra Election 2024 : महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान किया जा रहा है और वहां पर बिटकॉइन को लेकर सियासी घमासान छिड़ गया है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बुधवार को एनसीपी (एसपी) की नेता सुप्रीया सुले और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले पर चुनाव के लिए अवैध रूप से बिटकॉइन का इस्तेमाल करने के आरोप में हमला तेज कर दिया है और दावा किया कि जांच के दौरान उनकी भूमिकाएं सामने आएंगी. वहीं, BJP प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर निशाना साधा और कहा कि उन्हें इस मामले में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी चाहिए.
पिछले चुनाव में किया धन का इस्तेमाल
संबित पात्रा ने एक संवाददाता सम्मेलन में पात्रा ने विपक्ष के उस दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया कि महाराष्ट्र चुनाव के दौरान सुप्रिया सुले और नाना पटोले को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने दावा किया कि संदिग्ध क्रिप्टो करेंसी धोखाधड़ी कई साल पहले हुई थी और विपक्षी गठबंधन ने पिछले चुनावों में भी इसके माध्यम से धन का इस्तेमाल किया गया था. साथ ही ऐसा लगता है कि इस घोटाले में अभी तक 235 करोड़ का गमन किया गया है. सुप्रिया सुले ने कथित तौर पर अपनी आवाज वाले ऑडियो रिकॉर्ड समेत सभी आरोपों को फर्जी बताते हुए खारिज कर दिया और कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग, महाराष्ट्र पुलिस को इसकी शिकायत दी है..
ऐसे खुला मामला
सुप्रिया सुले ने कहा कि मतदाताओं को गुमराह करने के लिए गलत सूचना फैलाने की एक सोची-समझी साजिश रची गई है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि इसके पीछे की पूरी मंशा और दुर्भावनापूर्ण पूरी तरह से स्पष्ट है. यह निंदनीय है कि भारत के संविधान द्वारा निर्देशित एक स्वस्थ लोकतंत्र में इस तरह की प्रथाएं स्थापित हो रही हैं. संबित पात्रा ने दावा किया कि यह मामला तब सामने आया जब क्रिप्टो करेंसी व्यापार में शामिल और इस मामले से कथित तौर पर जुड़े गौरव मेहता ने सार्वजनिक रूप से सामने आने का फैसला किया क्योंकि विपक्षी नेताओं की मदद करने के लिए बिटकॉइन को भुनाने के बाद उसे अपनी जान जाने के खतरे का डर था. साथ ही BJP नेता ने कहा कि इस मामले की जड़ें 2018 में हुए क्रिप्टो करेंसी धोखा से जुड़ी हैं.
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