फिल्म छावा ने इन दिनों बुरहानपुर में एक अफवाह को जन्म दे दिया है.फिल्म में बताई गई बातों को सच मानकर सैकड़ों ग्रामीण काम-धंधा छोड़कर टार्च की रोशनी में रात में खेत में सोना-चांदी खोज रहे हैं.
BHOPAL: फिल्म छावा ने इन दिनों बुरहानपुर में एक अफवाह को जन्म दे दिया है.फिल्म में बताई गई बातों को सच मानकर सैकड़ों ग्रामीण काम-धंधा छोड़कर टार्च की रोशनी में रात में खेत में सोना-चांदी खोज रहे हैं. उन्हें उम्मीद है कि खुदाई करने पर सोना या चांदी तो मिल ही जाएगा. खेत में खुदाई कर रहे ग्रामीणों को देखने के लिए सैकड़ों लोगों की भीड़ जुटी हुई है.
दरअसल, फिल्म छावा में दिखाया गया कि मुगलों ने मराठों से सोना और खजाना लूटा और उसे मध्य प्रदेश के बुरहानपुर के असीरगढ़ किले में रख दिया था. फिल्म छावा में दिखाए गए इस सीन ने लोगों के मन में लालच पैदा कर दिया है. आधी रात को ग्रामीण इस गांव में सोने-चांदी के सिक्के मिलने की आस में पहुंच रहे हैं और आधुनिक संसाधन व औजारों से खजाना तलाश रहे हैं. ग्रामीण खजाना मिलने की आस में औजार, मेटल और डिटेक्टर व बैग लेकर मौके पर मौजूद हैं.
फिल्म छावा से उड़ी अफवाह, औजार लेकर पहुंच रहे लोग
बता दें बुरहानपुर जिला मुख्यालय से 18 किलोमीटर दूर असीरगढ़ गांव में इन दिनों नेशनल हाईवे निर्माण के लिए खुदाई का काम जारी है. कुछ दिन पहले एक दरगाह के पास निर्माण कंपनी द्वारा जेसीबी ने मिट्टी खोदकर किसी हारून शेख के खेत में मिट्टी डंप कर दी थी, इसके बाद यहां काम करने वाले मजदूरों को ऐतिहासिक धातु के कुछ सिक्के मिले, फिर क्या था अफवाह फैल गई कि खेत से सिक्के निकल रहे हैं.
अब इस गांव में आसपास के आधा दर्जन से अधिक गांवों के ग्रामीण देर रात पहुंच रहे हैं और सिक्के ढूंढने के काम में जुटे हुए हैं. ग्रामीण अपने मेटल डिटेक्टर यंत्र भी ला रहे है. स्थानीय नागरिकों को दावा है लोगों को खुदाई में सिक्के भी मिल रहे है, लेकिन स्थानीय प्रशासन इस में पूरी तरह से लापरवाही बरत रहा है. इस मामले से जिले का पुलिस-प्रशासन पूरी तरह से अनभिज्ञ है. पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पाटीदार का कहना है कि अगर किसी खेत में लोग इस तरह की गतिविधि कर रहे है तो इस पर प्रतिबंध लगाया जाएगा.
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- भोपाल से नितिन ठाकुर की रिपोर्ट