MP News : मध्य प्रदेश के गुना से बुरी खबर सामने आ रही है. 10 साल का मासूम सुमित बोरवेल में गिर गया था. लाख कोशिशों के बाद भी उसकी जान चली गई.
MP News : मध्य प्रदेश के गुना जिले में 140 फुट गहरे बोरवेल में गिरे 10 साल के बच्चे की मौत हो गई. अधिकारियों ने इसकी जानकारी रविवार को दी. उन्होंने बताया कि कई एजेंसियों की मदद से 16 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद रविवार को बच्चे को बाहर निकाला गया था. बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया.
क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि बच्चा अपने पिता के साथ शाम करीब 4 बजे खेत पर गया था. इस दौरान वह एक खुले बोरवेल में जा गिरा. काफी देर तक सुमित को नहीं दिखने पर परिवारवालों ने उसकी तलाश शुरू की. इस बीच बोरवेल के गड्ढे में बच्चे का सिर दिखाई दिया, जिसके बाद से प्रशासन को हादसे की सूचना दी गई और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया. 16 घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद भी बच्चे को नहीं बचाया जा सका.
डॉक्टरों ने बताई वजह
डॉक्टर ने बताया कि बच्चा पूरी रात ठंड के मौसम में संकरे बोरवेल में रहा. उसके हाथ-पैर भीगे और सूजे हुए थे. उसके कपड़े भी गीले थे और उसके मुंह में कीचड़ पाया गया था. डॉक्टर राजकुमार ऋषिश्वर ने बताया कि चिकित्सकों ने हाइपोथर्मिया (एक ऐसी स्थिति जो तब होती है जब शरीर का तापमान 95 डिग्री फारेनहाइट से कम हो जाता है) की वजह से शरीर के अंग जम गे थे.
विधायक ने लिया जायजा
राघौगढ़ के कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने घटनास्थल से फोन पर बात कर समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया था कि बचावकर्मियों ने रातभर काम किया और गड्ढे और बोरवेल के बीच एक समानांतर गड्ढा खोदकर लड़के तक पहुंचने का प्रयास किया.
अधिकारी ने दिया बयान
अधिकारियों ने बताया कि रविवार सुबह करीब 9.30 बजे जब बच्चे को बाहर निकाला गया तो वह कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहा था. गुना के SP संजीव सिन्हा ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि लड़के को जीवन रक्षक प्रणाली पर रखकर राघौगढ़ के एक अस्पताल ले जाया गया. गुना जिले के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजकुमार ऋषिश्वर ने कहा कि खेद के साथ ये बताना पड़ रहा है कि बच्चा जीवित नहीं है.
गुना के डीएम सतेंद्र सिंह ने बताया कि बच्चा करीब 39 फुट की गहराई में फंसा हुआ था. बोरवेल करीब 140 फुट गहरा है. उन्होंने बताया कि बोरवेल में पानी नहीं आया था, इसलिए उसे ढका नहीं गया था. शनिवार देर शाम भोपाल से पहुंची राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की टीम ने बचाव अभियान में मदद की.
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