J&K MLA Nomination Case : जम्मू-कश्मीर विधानसभा में उपराज्यपाल की ओर से 5 विधायक मनोनीत करने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सुनवाई करने से मना कर दिया है.
J&K MLA Nomination Case : जम्मू-कश्मीर विधानसभा में उपराज्यपाल की ओर से 5 विधायकों को मनोनीत करने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सुनवाई करने से मना कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कहा कि पहले हाई कोर्ट में सुनवाई के लिए याचिका दायर करें.
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया इन्कार
रविंदर कुमार शर्मा ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी कोर्ट में पेश हुए, लेकिन जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने सुनवाई करने से इन्कार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि सीधे सुप्रीम कोर्ट सुनवाई नहीं करेगा. इस मामले को पहले हाई कोर्ट में सुना जाना चाहिए.
सबसे पहले हाई कोर्ट जाए
सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि इसके सहारे चुनाव से मिले जनादेश को रद्द किया जा सकता है. इस पर जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि इस बात को हम अच्छे से जानते हैं, लेकिन इस मामले को सबसे पहले हाई कोर्ट लेकर जाइए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर हाई कोर्ट आपको स्टे नहीं देता है तो आप यहां आ सकते हैं.
क्या है पूरा मामला ?
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 और 2023 में किए गए संशोधन के तहत उपराज्यपाल ने कुल 5 सदस्यों को विधानसभा में मनोनीत करने वाले हैं . इस कानून के तहत उपराज्यपाल कश्मीरी पंडितों पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू कश्मीर शरणार्थियों और विस्थापित व्यक्तियों का प्रतिनिधित्व करने के लिए पांच सदस्यों को मनोनीत करेंगे. बता दें कि इन विधायकों के पास अन्य विधायकों की तरह ही अधिकार होगा.
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