Haryana Election Results 2024: एग्जिट पोल में भारतीय जनता पार्टी पिछड़ती हुई दिख रही थी. इसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने सभी को हैरान कर दिया.
Haryana Election Results 2024: विधानसभा चुनाव में हरियाणा की सभी 90 सीटों के रुझान सामने आ गए हैं. सुबह सबसे पहले रुझानों में कांग्रेस ने बढ़त बनाई.
इसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने 50 सीटों पर बढ़त बनाकर सभी को हैरान कर दिया. इसमें से कुछ सीटों पर फाइनल नतीजे भी सामने आ गए हैं. दरअसल, एग्जिट पोल में भारतीय जनता पार्टी पिछड़ती हुई दिख रही थी.
इसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने 50 सीटों पर बढ़त बनाकर सभी को हैरान कर दिया. ऐसे में BJP की जीत के 5 कारण क्या हैं?
जाट वोटों का बिखराव, BJP की जीत
कांग्रेस ने अपने अधिकांश टिकट जाट समुदाय के प्रत्याशियों को दिए थे. वहीं, BJP ने सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों पर दांव खेला. ब्राह्मण, बनिया, पंजाबी/खत्री और राजपूत समाज के प्रत्याशियों को तवज्जो दिया.
कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (एक सीट) ने 29 जाट उम्मीदवारों को टिकट दिया था. BJP ने सिर्फ 15 जाट उम्मीदवारों को उतारा. इसके साथ ही कांग्रेस करीब 50 फीसदी आबादी वाले जाटों, दलितों और अल्पसंख्यकों को साध रही थी.
वहीं, दूसरी ओर BJP अन्य पिछड़ा वर्ग और सामान्य श्रेणी के मतदाताओं को एकजुट करने पर फोकस किया. हरियाणा में 57 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां पर जाट आबादी 10 फीसदी से ज्यादा है.
जमीनी स्तर पर काम का दिया हवाला
BJP ने पूरे चुनाव के दौरान हरियाणा में बहुत सावधानी से काम किया. इस सभी नेताओं ने जमीनी स्तर पर काम करने का दावा किया. किसानों और महिला पहलवानों के आंदोलन के खिलाफ भी BJP ने कोई एक्शन नहीं लिया.
किसानों पर भी किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई. मनोहर लाल खट्टर को हटाकर नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाया गया और उन्होंने अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) अधिकारों के लिए कई कानून बनाए.
उन्होंने योजनाओं को जमीन पर उतारने के लिए भी जमकर मेहनत किया. इन योजनाओं से BJP को सीधा फायदा मिला. वहीं, कई विधायकों का टिकट काटना भी BJP के लिए फायदेमंद रहा. OBC वोटों के ध्रुवीकरण कराने में भी नायब सिंह सैनी को सफलता मिली.
जाटों के खिलाफ और BJP के पक्ष में गोलबंदी
इस चुनाव में किसानों और महिला पहलवानों के आंदोलन BJP के लिए सिर दर्द बन चुका था. हरियाणा में किसान और पहलवानों के आंदोलन में अधिकतर जाट शामिल थे.
BJP इन मुद्दों पर शांत दिखी. इसका फायदा भी उठाया. BJP ने इसका फायदा उठाते हुए दूसरी जातियों को किसानों , व्यापारियों और अन्य वर्गों के लोगों को साधने पर फोकस किया.
यह BJP के लिए काम कर गया. यहां तक कि जुलाना से कांग्रेस प्रत्याशी और पहलवान विनेश फोगाट ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर सीधा हमला बोला, लेकिन BJP ने उन पर कोई खास ध्यान नहीं दिया और ना ही किसी तरह का पलटवार किया. इससे BJP के पक्ष में हवा बनती गई.
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मनोहर लाल की जगह नायब सैनी को CM बनाना
BJP ने चुनाव से कुछ समय पहले ही नायब सिंह सैनी को राज्य का मुख्यमंत्री बनाकर मास्टर स्ट्रोक खेला. एंटी इनकंबेंसी से बचने के लिए BJP का OBC समुदाय से CM बनाना काम कर गया.
मनोहर लाल खट्टर के प्रति जनता में नाराजगी साफ तौर पर दिख रही थी. चुनाव की घोषणा होते ही उन्हें कुछ दिनों के लिए साइडलाइन भी कर दिया गया. यहां तक कि चुनाव प्रचार के दौरान उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सभा में मंच में नहीं पहुंचने दिया गया.
वहीं, लोगों ने नायब सिंह सैनी के शांत स्वभाव को काफी पसंद किया. बता दें कि जिन लोगों ने टिकट बांटे जाने के बाद असंतोष जाहिर कर पार्टी के खिलाफ जाने की बात कही, उनके पास वह खुद मनाने के लिए पहुंचे थे.
लोकप्रिय योजनाओं के सहारे लड़ा चुनाव
क्रीमीलेयर की सीमा को 6 लाख से बढ़ाकर 8 लाख रुपये करना. OBC आयोग बनाकर उसको संवैधानिक शक्तियां देना. 8 फीसदी अधिक का आरक्षण देकर हमने पिछड़ा वर्ग की भागीदारी बढ़ाने पर जोर.
युवाओं के लिए 15 हजार रुपये देश में और विदेश में 20 हजार रुपये की पढ़ाई में मदद देना. यह कुछ योजनाएं हैं, जो लोगों के लिए काफी हद तक फायदेमंद रहा. इन योजनाओं का लाभ BJP को चुनाव में भी मिला.
इससे BJP बहुमत के आंकड़े को पार गई. हरियाणा में नॉन रिफंडेबल फीस की पूर्ति और 1 लाख 80 हजार रुपये से कम परिवार वाले परिवारों की बच्चियों के कॉलेज फीस तक माफ की गई.
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