Gunga Jalebi Wala: मेवात में टपरी में जलेबी की दुकान चलने वाले ‘गूंगा जलेबी वाले’ की दुकान नूंह समेत पूरे इलाके में काफी मशहूर है. गूंगा की जलेबियों का पूरा हरियाणा दीवाना है.
Gunga Jalebi Wala: मेवात के पुनहाना में गूंगा जलेबी के नाम से मशहूर जलेबी वाला न कानों से सुन सकता है, ना जुबान से बोल सकता है, लेकिन जलेबी बनाने की कारीगरी ने इलाके में उसका नाम कर दिया है. यहां तक कि पड़ोसी राज्य राजस्थान व यूपी में भी उसकी जलेबी के दिवाने बसते हैं.
Gunga Jalebi Wala: गूंगा जलेबी के नाम से फेमस
अब सर्दियों का मौसम शुरू हो चुका है, ऐसे में गरमा-गरम जलेबी खाने वाले ग्राहकों की संख्या में भी खूब ईजाफा होगा. इस बीच गूंगा जलेबी वाले की दुकान पर जलेबी खाने आने वालों की भीड़ भी बढ़ने लगे है. जलेबी खाने आए लोगों में से कुछ लोगों का कहना है की ये जलेबी मेवात जिले में ही नहीं बल्कि आसपास के राज्यों में भी मशहूर हैं. गूंगा की जलेबी खरीदने लोग दूर दराज से आते हैं. ये जलेबी जितनी ज्यादा स्वादिष्ट है, उतनी ही अपेक्षा से कही ज्यादा अधिक सस्ती है. और यही सबसे बड़ा कारण है की गूंगा के जलेबियों की चर्चा हरियाणा से बाहर भी होती है.
Gunga Jalebi Wala: लंबी-लंबी लाइनों में घंटों तक खड़े रहते हैं लोग
लोगों ने बताया कि ऊपर वाले ने इसको सुनने और बोलने की शक्ति नहीं दी, लेकिन हाथ की कारीगरी ऐसी दी है कि जिसके लोग ऐसे दीवाने हैं, की गूंगा की जलेबी खरीदने के लिए लंबी-लंबी लाइनों में घंटों तक खड़े होने से भी गुरेज नहीं करते हैं. लोग बड़े धैर्य के साथ अपनी-अपनी बारी का इंतजार करते हैं.
Gunga Jalebi Wala: जगूंगा पर आश्रित पूरा परिवार
गूंगा जलेबी वाला के नाम से मशहूर जमील कई दशक से जलेबी बना रहा है. इस छोटी सी जलेबी की दूकान में जलेबियां बेचकर जमील अपना नौ लोगों का परिवार भी पालते हैं.
Gunga Jalebi Wala: दिव्यांगों और कमजोरों के लिए मिसाल है गूंगा
शारीरिक चुनौतियों का सामना करने के बावजूद जमील खान ने कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है। जो दिव्यांग अपने आपको कमजोर और बेसहारा समझते हैं उनके लिए जमील खान एक मिसाल है.