Home RegionalDelhi 1984 सिख विरोधी दंगे मामले में जगदीश टाइटलर हाई कोर्ट पहुंचे, मुकदमे को लेकर यह किया यह अनुरोध

1984 सिख विरोधी दंगे मामले में जगदीश टाइटलर हाई कोर्ट पहुंचे, मुकदमे को लेकर यह किया यह अनुरोध

by Sachin Kumar
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Jagdish Tytor High Court 1984 anti-Sikh riots request regarding case

Jagdish Tytler News : न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी ने पहले टाइटलर को कुछ अतिरिक्त दस्तावेज दाखिल करने के लिए समय दिया था और वह दाखिल भी कर दिए गए थे लेकिन अभी रिकॉर्ड में नहीं चढ़ें हैं.

11 November, 2024

Jagdish Tytler News : सिख विरोधी दंगों के दौरान उत्तरी दिल्ली के पुल बंगश इलाके में तीन लोगों की मौत के मुख्य आरोपी कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है. जगदीश टाइटलर ने कोर्ट से आग्रह किया कि निचली अदालत में चल रही कार्यवाही पर रोक लगा दी जाए. टाइटलर के वकील ने दलील दी है कि मामला मंगलवार को निचली अदालत के समक्ष अभियोजन पक्ष के गवाह के साक्ष्य दर्ज करने के लिए सूचीबद्ध कर दिया है. लेकिन निचली अदालत को निर्देश दिया जाए कि जब तक उच्च न्यायालय उनके खिलाफ हत्या और अन्य अपराधों के आरोप तय करने को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला नहीं कर लेता तब मामले में आगे न बढ़ा जाए.

रिकॉर्ड में चढ़ाए जाए दस्तावेज

न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी ने पहले टाइटलर को कुछ अतिरिक्त दस्तावेज दाखिल करने के लिए समय दिया था और वह दाखिल भी कर दिए गए थे लेकिन अभी रिकॉर्ड में नहीं चढ़ें हैं. हाई कोर्ट ने रजिस्ट्री के दिन दस्तावेजों को रिकॉर्ड पर रखने का निर्देश दिया है और कहा कि दोपहर 2 बजकर 15 मिनट पर मामले की सुनवाई करेगा. टाइटलर की याचिका में उनके खिलाफ तय किए आरोपों को चुनौती दी गई है. पहले से ही 29 नवंबर से हाई कोर्ट में सूचीबद्ध है और इसके लंबित रहने के दौरान कांग्रेस नेता ने सुनवाई पर रोक लगाने की मांग की याचिका दायर की है.

गवाह काफी बुजुर्ग और बीमारियों से पीड़ित

कांग्रेस नेता की तरफ से हाई कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि अभियोजन पक्ष की गवाह लोकेंद्र कौर का बयान ट्रायल कोर्ट द्वारा दर्ज किया गया है और बचाव पक्ष के वकील द्वारा उसकी बहस के लिए 12 नवंबर को तारीख निर्धारित की गई है. इसके अलावा आरोपी के वकील ने कहा कि अभियोजन पक्ष की मंशा और सीबीआई द्वारा की गई जांच पर सवाल खड़े किए गए हैं. इसलिए ट्रायल कोर्ट को पुनरीक्षण याचिका के लंबित रहने तक मामले पर आगे न बढ़ने का निर्देश न्याय के हित में है. वहीं, पीड़ितों का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता एचएस फुल्का ने स्थगन का कड़ा विरोध किया है और कहा कि गवाह काफी बुजुर्ग है और अन्य बीमारियों से पीड़ित भी है. इसके बाद भी उसे कई बार ट्रायल कोर्ट में पेश होना पड़ रहा है. वकील ने कहा कि गवाह को मंगलवार को अदालत में चौथी बार पेश होना पड़ रहा है.

यह भी पढ़ें- CJI की कैसे होती है नियुक्ति और क्या है कार्यकाल की अवधि, पूरी जानकारी के लिए पढ़े ये स्टोरी

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