Delhi Connaught Place : दिल्ली के कनॉट प्लेस में चल रही राजनीतिक और सांस्कृतिक प्रदर्शनी में राजधानी के कर्मशियल और टूरिस्ट स्पॉट के कई रंगों को देखा जा सकता है.
Delhi Connaught Place : दिल्ली की धूमिमल गैलरी में चल रही राजनीतिक और सांस्कृतिक प्रदर्शनी में राजधानी के मशहूर कर्मशियल और टूरिस्ट स्पॉट कनॉट प्लेस के कई रंग देखे जा सकते हैं. साल 1935 में कनॉट प्लेस के बनने और इसके बाद उसके राजनीतिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में जवां होने के सफर को इस प्रदर्शनी में एक खास तरीके से दिखाया गया है. ये प्रदर्शनी 7 नवंबर से शुरु हो चुकी है और इसका समापन 7 दिसंबर को होगा.
क्यों खास है प्रदर्शनी
दिल्ली के क्नॉट प्लेस में चल रही इस प्रदर्शनी में टेक्सटाइल, सेरेमिक, विजुअल आर्ट से जुड़ी कई शानदार कलाकृतियां दिखाई जा रही हैं. वहीं, इस प्रदर्शनी के बारे में बात करते हुए धूमिमल गैलरी के निदेशक उदय जैन ने कहा कि हम इस प्रदर्शनी के जरिए CP के कल्चर लैंडस्केप को दिखाना चाहते थे. इसके लिए महट्टा स्टूडियो की तस्वीरें, रिखी राम के संगीत वाद्ययंत्र, नीली मिट्टी के बर्तनों को प्रदर्शनी में शामिल किया गया है, जो उस समय काफी लोकप्रिय हुआ करते थे.
अलग-अलग युगों का जश्न
उदय जैन ने आगे कहा कि प्रोफेसर अन्नपूर्णा गैरीमेला जो इस शो की क्यूरेटर (संग्रहाध्यक्ष) हैं, उन्होेंने उस समय के सांस्कृतिक परिदृश्य की अगुवाई करने के लिए इन सभी चीजों को एक साथ जोड़ने की कोशिश की है. उन्होंने यह भी कहा कि मुझे लगता है कि 20 और 30 के दशक में दिल्ली में कई अहम चीजें हुई, जैसे AIFACS या दिल्ली शिल्पी चक्र का उद्घाटन. पुराने बंगाल स्कूल और आधुनिक आंदोलन के बीच का अंतर खत्म हो गया है. यही वजह है कि इस प्रदर्शनी के जरिए इन सभी अलग-अलग युगों का जश्न मनाना अहम है.
यह भी पढ़ें: Weather: UP-दिल्ली समेत उत्तर भारत में कब पड़ेगी रजाई की जरूरत? पढ़िये- IMD का ताजा अलर्ट