Home RegionalChhattisgarh नक्सलियों की टूटी कमर! आजादी के बाद पहली बार उन्हीं के गढ़ में फहराया तिरंगा, जानें क्या है खास

नक्सलियों की टूटी कमर! आजादी के बाद पहली बार उन्हीं के गढ़ में फहराया तिरंगा, जानें क्या है खास

by Divyansh Sharma
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Chhattisgarh Naxal News: नक्सलियों के कारण कई गांवों में तिंरगा नहीं फहराया गया था. साथ ही कोर नक्सल क्षेत्र सुकमा के तुमालपाड़ में भी तिरंगा फहराया गया.

Chhattisgarh Naxal News: छत्तीसगढ़ से दिल खुश करने वाली जानकारी सामने आ रही है. छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के कई गांवों में पहली बार तिरंगा फहराया गया. ग्रामीणों ने इस दौरान भारत माता के जयकारे भी लगाए. दरअसल, सुकमा जिले के कई गांवों में नक्सली दहशत के कारण तिंरगा झंडा नहीं फहराया गया था, लेकिन अब तिरंगा फहराया गया. साथ ही कोर नक्सल क्षेत्र सुकमा के तुमालपाड़ में भी तिरंगा फहराया गया.

इलाकों में खुले 16 से ज्यादा पुलिस कैंप

बता दें कि देश में आजादी मिलने के बाद भी तुमालपाड़ और कई गांवों में नक्सलियों के डर की वजह से तिरंगा नहीं फहराया गया था. अब रविवार को 76वें गणतंत्र दिवस के मौके पर CRPF यानी केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के 74वीं वाहिनी के कमांडेंट के नेतृत्व में ग्रामीणों ने साथ मिलकर पहली बार राष्ट्रीय त्योहार मनाया.

साथ ही कमांडेंट हिमांशु पांडे ने देश में गणतंत्र का महत्व समझाया और सुरक्षा बल के जवानों ने तिरंगा फहराने के बाद ग्रामीणों को मिठाई बांटी. गौरतलब है कि सुकमा जिले के चिंतलनार इलाके को कोर नक्सली इलाका माना जाता था. अब उस इलाके में एक साल के दौरान 16 से ज्यादा पुलिस कैंप खुल गए हैं. कैंप खुलने के बाद शासन की योजनाएं भी ग्रामीणों तक पहुंच रही हैं. ऐसे में गणतंत्र दिवस के मौके पर ग्रामीणों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई. इस दौरान ग्रामीणों ने भारत माता की जय के नारे भी लगाए.

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40 से ज्यादा नक्सलियों को किया ढेर

वहीं, बस्तर के नक्सल प्रभावित इलाकों में भी गणतंत्र दिवस के मौके पर तिरंगा फहराया गया. कुल 14 इलाकों में राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया. इसमें बीजापुर का नारायणपुर गांव भी शामिल है. बता दें कि पिछले साल सितंबर से लेकर अब तक इन इलाकों में 14 नए सुरक्षा कैंप स्थापित किए गए हैं. सुरक्षाबलों की मौजूदगी के कारण ग्रामीणों में उत्साह देखने को मिला. इस मौके पर पुलिस अधिकारियों ने कहा कि इन गांव में पहली बार इस तरह की गतिविधियां देखी जा रही है.

उन्होंने जोर देकर कहा कि यह न केवल सुरक्षाबलों के जवानों के प्रयास का नतीजा है, बल्कि सरकार की योजनाओं का भी सकारात्मक असर दिख रहा है. बता दें कि इस साल के पहले ही महीने में जवानों ने 40 से ज्यादा नक्सलियों को ढेर कर दिया है. ऐसे में नक्सलियों की कमर टूट गई है. साथ ही गृह मंत्रालय ने पिछले साल अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि नक्सली अब पुराने इलाकों को छोड़कर नए इलाकों में कैंप कर रहे हैं. ऐसे में गांवों तक शासन की योजनाएं पहुंच रही हैं.

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