Bihar Politics : दिल्ली विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद से अब कांग्रेस की नजर बिहार चुनाव पर है. इस बीच प्रेमचंद्र मिश्रा ने आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा है.
Bihar Politics : दिल्ली चुनाव के बाद अब बिहार की राजनीति पर सबकी निगाहें टिकीं हुई हैं. दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की पार्टी को भारतीय जनता पार्टी के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा है. पार्टी को 22 सीटों पर ही सिमट के रह गई हैं. वहीं, इन चुनाव में तो कांग्रेस का खाता ही नहीं खुला. AAP की इन चुनाव में 14 सीटों पर हार मिलने का सबसे बड़ी वजह कांग्रेस है. लोकसभा चुनाव में जैसे दोनों दलों ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा वैसे ही अगर विधानसभा चुनाव में साथ आये होते तो परिणाम कुछ अलग हो सकता था. लेकिन लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद AAP ने साफ कर दिया था कि हम दिल्ली में अकेले चुनाव लड़ेंगे. अब इस पर बिहार कांग्रेस के नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा है कि कोई भी पार्टी हमें इग्नोर करके आगे नहीं बढ़ सकती. बिहार विधानसभा चुनाव से पहले उनका यह बयान राजद के लिए एक सख्त संदेश माना जा रहा है.
बिहार में कांग्रेस 70 सीटों की कर रही है मांग
यहां आपको बता दें कि बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने पहले ही बोल दिया है कि होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी 70 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि कांग्रेस इससे कम सीटों पर समझौता नहीं करेगी. वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस प्रभारी ने कहा था कि बिहार में अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो दो डिप्टी सीएम बनाए जाएंगे. इसमें एक सवर्ण और एक मुस्लिम से होगा. उनके इस बयान पर तेजस्वी यादव ने कहा कि अभी कोई आधिकारिक चर्चा इसपर हुई ही नहीं है. कौन क्या बोलता है उससे क्या मतलब है. आप लोग तो किसी को भी नेता बना देते हैं. बिहार की राजनीति में जिसको ना हम पहचानते हैं ना कोई और जानता है. कांग्रेस में फैसले लेने वाला कौन है? जो फैसले लेने वाला है उसकी बात होनी चाहिए.
दोनों ही चुनावों में राजद-कांग्रेस का खराब प्रदर्शन
कांग्रेस ने बिहार में भी लोकसभा चुनाव में राजद के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन कुछ खास सफलता हाथ नहीं लगी. इसमें राजद का प्रदर्शन बेहद खराब रहा. पार्टी ने 40 में से सिर्फ 23 सीटों पर उम्मीदवार उतारा था, लेकिन 4 पर ही जीत मिल पाई थी. लगभग हर 6 सीट में से 1 पर जीत मिली. वहीं, कांग्रेस ने 9 सीटों पर किस्मत आजमाया और 3 सीट पर जीत मिली. वहीं, हर 3 में से 1 में जीत मिली. हालांकि, लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का स्ट्राइक रेट बेहतर रहा. इसलिए पार्टी 70 सीटों की मांग कर रही है. वहीं दूसरी तरफ ये विषय राजद के लिए चिंता का सबब बनता जा रहा है.
कांग्रेस नेता ने दिया बयान
इस सबको देखते हुए अब बिहार कांग्रेस के नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा है कि क्षेत्रीय दलों को समझना पड़ेगा कि कांग्रेस पार्टी को इग्नोर करके कोई गठबंधन नहीं चल सकता है, जो अपने को सेकुलर पार्टी कहते हैं उन्हें कांग्रेस के नेतृत्व में एक साथ आना होगा. ऐसे में अब ये देखना होगा कि राजद बिहार में कांग्रेस को कितनी सीट देती है.
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